Gulali Gang Alert: पूर्णिमा वर्मा क्यों गिरफ्तार हुईं? विवादित पोस्टर और शराब विरोधी आंदोलन ने शहर में मचाया हंगामा, महिलाएं कोतवाली पर प्रदर्शन में जुटीं, प्रशासन ने हालात कैसे काबू में किया?
Poornima Verma Chhindwara: गुलाली गैंग की कमांडर पूर्णिमा वर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी का कारण शहर की शराब दुकानों के बाहर विवादित पोस्टर लगाना और तोड़फोड़ करना बताया जा रहा है। पूर्णिमा वर्मा पिछले कई महीनों से जिले में अवैध शराब और अहातों के खिलाफ मुखर रही हैं और महिलाओं को साथ लेकर कई धरना-प्रदर्शन कर चुकी हैं।
विवादित पोस्टर ने क्यों मचाया तहलका?
पुलिस के अनुसार, पूर्णिमा वर्मा ने शराब दुकानों के बाहर पोस्टर लगाए, जिसमें वे डंडा लिए नजर आ रही थीं, जबकि दूसरी तरफ मुख्यमंत्री की चूड़ी पहने उनकी तस्वीर थी। पोस्टर में पुरुषों को खुली चुनौती देने वाला संदेश लिखा गया था। यह पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और शहर में चर्चा का केंद्र बन गया। स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने इसे शांति भंग करने वाला कृत्य बताया।
क्या लंबे समय से चल रहा आंदोलन अब हिंसक हो गया?
गुलाबी गैंग की कमांडर पूर्णिमा वर्मा कई महीनों से शराब दुकानों और अवैध अहातों के खिलाफ आंदोलन कर रही हैं। उन्होंने महिलाओं के साथ कई बार धरना-प्रदर्शन किया और प्रशासन को कार्रवाई की चेतावनी दी। हाल ही में उनके प्रदर्शनों ने प्रशासन की नींद उड़ा दी थी।
तोड़े-फोड़ की शिकायतों के बाद हुई गिरफ्तारी
कोतवाली पुलिस को शराब दुकानों के आसपास तोड़फोड़ की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। जांच के बाद पुलिस ने पूर्णिमा के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में लिया। पुलिस अधीक्षक ने कहा, "शांति व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
महिलाओं ने कोतवाली पर किया हंगामा, प्रशासन ने काबू पाया
गिरफ्तारी की खबर फैलते ही गुलाबी गैंग की सैकड़ों महिलाएं कोतवाली पहुंचीं और नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने समझाइश देकर उन्हें शांत किया और हालात को नियंत्रण में रखा। इस घटना ने शहर में एक बार फिर शराब कारोबार और सामाजिक आंदोलनों को लेकर बहस छेड़ दी है।
क्या यह आंदोलन अब नए रूप में उभर सकता है?
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्टर और शहर में महिलाओं का हंगामा यह संकेत देता है कि गुलाबी गैंग का आंदोलन प्रशासन और समाज के लिए चुनौती बन सकता है। प्रशासन ने साफ किया है कि शांति व्यवस्था को कोई भी बुरी तरह प्रभावित नहीं कर सकता।
