Raja Bhoj Airport Bhopal : इंडिगो की उड़ानें रद्द होने से देशभर में यात्री परेशान हैं। इंदौर से भोपाल तक के एयरपोर्ट पर सैंकडों की संख्या में लोग फंसे हैं। दूसरी कंपनी की फ्लाइटा का टिकट 5 हजार से 35 हजार तक पहुँच गया है। फिर भी गारंटी नहीं।
Indore Airport News : एयरलाइन इंडिगो की उड़ानें रद्द होने की वजह से देशभर के लाखों लोग परेशान हैं। लोग एयरपोर्ट पर फंसे हैं, उनका टिकट कंफर्म है, लेकिन फ्लाइट नहीं उड़ नहीं रही है। 5 हजार किराया है, लेकिन वह 35 हजार रुपए तक दे चुके हैं, फिर भी यह भरोसा नहीं कि नई टिकट से सफर हो ही जाएगा आलम यह है कि फ्लाइट तो फ्लाइट ना तो उनको टैक्सी मिल रही है और ना ही किसी सुपरफास्ट ट्रेन में टिकट मिल पा रहा है। आइए जानते हैं भोपाल-इंदौर एयरपोर्ट पर फंसे कुछ ऐसे ही यात्रियों का दर्द...
इंदौर एयरपोर्ट पर फंसे यात्री आशीष का दर्द
इंदौर एयरपोर्ट पर फंसे यात्री आशीष ने बताया कि उनको जरूरी काम से गोवा जाना था, लेकिन सुबह इंडिगो से कैंसिलेशन मैसेज आया, तो समझ नहीं आया कि अब कैसे गोवा जाउंगा। मैंने दूसरी कंपनी की फ्लाइट की टिकट ली, इसके लिए 35,000 रुपए दिए, लेकिन कोई गांरटी नहीं थी कि वह जा पाएंगे। आशीष ने बताया कि वैसे इंदौर से गोवा का किराया महज 5 से 6 हजार होता है। ट्रेन से जाने के लिए कोशिश की, लेकिन वहां भी टिकट कंफर्म नहीं हुआ। अंत में दो से तीन टैक्सी कैंसिल होने के बाद अब मुझे इंदौर से गोवा के रास्ते जाना पड़ रहा है।
होटल से लेकर टैक्सी का किराया दोगुना
वहीं दूसरे यात्री शैलेश का कहना है कि अचानक से इंडिगो ने एक कैंसिलेशन का मैसेज करके अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है। उनको नहीं पता कि उनकी फ्लाइट रद्द होने से यात्रियों की किन किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा-ट्रेन में जगह नही हैं। बस में सफर करो तो उनका किराया भी तीन से चार गुना हो गया है। वहीं एयरपोर्ट के आसपास किसी होटल में ठहरो तो उन्होंने भी पैसा दोगुना कर दिया है। अब समझ नहीं आ रहा है कि आखिर जाएं तो कैसे जाएं।
एयरपोर्ट पर 24 से 50 घंटे से फंसे यात्री
तीसरे यात्री सागर का कहना है कि एयरलाइन कंपनी क्या करेगी ज्यादा से ज्यादा टिकट का पैसा वापस लौटाएगी। लेकिन उनको यह नहीं पता कि उड़ान नहीं भरने की वजह से यात्री को होटल, टैक्सी और खाने में जो पैसा खर्च होगा उसका खर्चा कौन उठाएगा। हम 24 से 50 घंटे यहां फंसे रहेंगे। हमारा जरूरी काम भी नहीं हो पाएगा। उसके बारे में कोई कुछ नहीं कहेगा।


