Madhya Pradesh Development: मध्यप्रदेश विकास के मामले में आगे बढ़ रहा है। इसका सबसे ताजा उदाहरण है कैप्टिल एक्सपेंडिचर में 41 प्रतिशत की वृद्धि के साथ देश के टॉप 3 राज्यों में शामिल होना।

Madhya Pradesh Capital Expenditure: मध्यप्रदेश ने इस साल की पहली तिमाही में विकास को लेकर कई काम किए हैं। मध्यप्रदेश स्कूल, सड़क, पुल, हॉस्पिटल जैसी बड़े प्रोजेक्ट्स पर खर्च करने के मामले में देश के टॉप 3 राज्यों में से एक बना है। सीएजी के सामने आए आंकडों के मुताबिक देश के 16 राज्यों ने पिछले साल की तुलना में कैपिटल एक्सपेंडिचर में वृद्धि दर्ज की है। गुजरात की 65 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश की 42 प्रतिशत और मध्यप्रदेश की उपलब्ध‍ि 41 प्रतिशत है। साल-दर-साल वृद्धि के साथ मध्यप्रदेश का यह सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है।

केन्द्र और राज्यों ने मिलकर वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में कैपिटल एक्सपेंडिचर को तेज़ी से बढ़ाया है। केंद्र सरकार के अप्रैल से जून 2025 के बीच के अंतरिम कैपिटल एक्सपेंडिचर के आंकड़े 52 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्शाते हैं, जो ₹2,75,132 करोड़ तक पहुंच गया है। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित ₹11.2 लाख करोड़ के कैपिटल एक्सपेंडिचर का 25 प्रतिशत खर्च पहले ही कर दिया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में केवल 16 प्रतिशत खर्च हुआ था। सीएजी डेटा के अनुसार जिन 23 राज्यों के आंकड़े उपलब्ध हैं, उन्होंने पहली तिमाही में ₹99,478 करोड़ का कुल कैपिटल एक्सपेंडिचर किया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह ₹81,494 करोड़ था। इसमें 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

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मध्यप्रदेश ने बड़ी छलांग लगाते हुए बढ़ोतरी की दर्ज

मध्यप्रदेश ने समृद्ध‍ि की बड़ी छलांग लगाते हुए पिछले दशक में बढ़़ोतरी दर्ज की है। वित्त वर्ष 2011-12 में प्रदेश का प्रति व्यक्ति शुद्ध राज्य घरेलू उत्पाद ₹38,497 था, जो 2023-24 में बढ़कर ₹67,300 हो गया। औसत वार्षिक वृद्धि दर 4.8% रही। यह दर महाराष्ट्र (4.3%) और हरियाणा (4.6%) जैसे समृद्ध राज्यों से भी अधिक रही। साल 2023-24 में प्रचलित भावों पर मध्यप्रदेश का सकल घरेलू उत्‍पाद 13 लाख 53 हजार 809 करोड़ रूपए था, वहीं इसमें 11.05% की वृद्धि हो गई है। सकल घरेलू उत्पाद अब बढ़कर 15 लाख 03 हजार 395 करोड़ रूपए पहुँच गया है। यह प्रगति प्रदेश की आर्थिक रूप से ताकतवर और सबके लिए किए गए विकास को दर्शाती है। वर्ष 2028-29 तक सकल घरेलू उत्‍पाद को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रति व्‍यक्ति आय 2024-25 में प्रचलित भावों पर 1 लाख 52 हजार 615 रूपए हो गई है। स्थिर भाव पर भी वर्ष 2024-25 में प्रति व्‍यक्ति आय 70 हजार 434 रूपए है।

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विभाजन के बावजूद अन्य विभाजित राज्यों की अपेक्षा मध्यप्रदेश की बेहतर आर्थ‍िक प्रगति होने से राज्य विभाजन के झटके से उबरने में मदद मिली। वर्ष 2000-01 और 2010-11 में मप्र में हुई प्रगति यह सिखाती है कि कैसे कृषि पर पूरी तरह निर्भर राज्य अपनी आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार कर सकता है।