CM Mohan Yadav’s Big Plan: क्या ‘जनहित’ और ‘विकास’ के नए ब्लूप्रिंट से बदलेगा मध्यप्रदेश का भविष्य? 8 साल बाद हुई कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में सीएम ने दिए सख्त निर्देश, अब हर छह माह में होगी समीक्षा।

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने साफ कहा है कि जनहित ही उनकी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। नागरिकों को बेहतर सुविधाएं देने और विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए उन्होंने एक अहम ऐलान किया-अब कलेक्टर्स और कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस हर छह महीने में होगी। 8 साल बाद आयोजित हुई इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में राज्य के सभी 55 जिलों के कलेक्टर, एसपी, आयुक्त और पुलिस अधिकारी शामिल हुए। सीएम ने कहा कि अब यह परंपरा नियमित रूप से जारी रहेगी ताकि शासन की योजनाओं का असली असर जनता तक पहुंचे।

क्या होगा अब कॉन्फ्रेंस का नया फॉर्मेट?

मुख्यमंत्री ने बताया कि हर जिले से आए अधिकारियों ने अपने-अपने अनुभव और नवाचार साझा किए। कॉन्फ्रेंस में कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास, उद्योग और रोजगार जैसे मुद्दों पर गहराई से चर्चा हुई। डॉ. यादव ने कहा, “जनता की भलाई और व्यवस्था में सुधार, यही इस मीटिंग का मूल उद्देश्य है। विचार-विमर्श से तय होगा कि आगे किन विषयों को प्राथमिकता दी जाए।”

तीन महीने और एक साल के लिए तय हुए लक्ष्य

सीएम ने स्पष्ट किया कि अब हर विभाग को तीन महीने और एक साल के अंदर पूरा किए जाने वाले लक्ष्य दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि “मैदानी अधिकारी जो काम जमीन पर करते हैं, वही सरकार की असली ताकत हैं। उनकी दिक्कतें समझकर समाधान निकालना जरूरी है।”

विकास समितियां और विजन 2047 की तैयारी

सरकार ने जिलेवार विकास समितियां गठित करने का निर्णय लिया है, जिनमें समाज के हर वर्ग के विशेषज्ञ होंगे। डॉ. यादव ने कहा कि “विजन 2047” के तहत अगले पांच सालों की योजनाएं शुरू की जाएंगी और हर जिले को एक माह में वृंदावन ग्राम का चयन पूरा करना होगा। उन्होंने अधिकारियों को जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना और धरती आबा योजना की अधूरी परियोजनाएं तय समय में पूरा करने के निर्देश दिए।

मध्यप्रदेश बनेगा देश का ‘मिल्क कैपिटल’

डॉ. यादव ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए दूध उत्पादन को 9% से बढ़ाकर 20% करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा, “हम मध्यप्रदेश को मिल्क कैपिटल बनाएंगे। इससे पशुपालक और किसान दोनों मजबूत होंगे।” इसके साथ ही उन्होंने गौशालाओं में गोवर्धन पूजा जैसे आयोजनों को प्रोत्साहित करने की बात कही।

शिक्षा और सुशासन में सुधार पर जोर

सीएम ने शिक्षा व्यवस्था को लेकर भी सख्ती दिखाई। उन्होंने कहा कि ड्रॉपआउट दर घटाना, शिक्षकों की ई-अटेंडेंस मॉनिटरिंग और छात्रवृत्ति का समय पर वितरण अब कलेक्टर की सीधी जिम्मेदारी होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि कलेक्टर खुद स्कूलों और छात्रावासों का निरीक्षण करें।

जल गंगा संवर्धन और नई कार्य योजनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान 2026 की तैयारी अभी से शुरू की जाए। उन्होंने वन अधिकार अधिनियम के तहत सभी लंबित दावों को दिसंबर 2025 तक निपटाने के निर्देश दिए।

विकास प्रदर्शनी से दिखेगा बदलाव

डॉ. यादव ने घोषणा की कि 12 दिसंबर को राज्य सरकार के कार्यकाल के दो वर्ष पूरे होंगे। इस अवसर पर जिला स्तर पर विकास और नवाचारों पर केंद्रित प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी। उन्होंने कहा “सरकार की नीतियों और उपलब्धियों से जनता को लगातार जोड़े रखना ही सुशासन की पहचान है।”