MP Weather Alert: मध्य प्रदेश के 13 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी, 15 अगस्त से एक्टिव होगा एक रहस्यमयी स्ट्रॉन्ग मानसून सिस्टम। प्रदेश में अचानक तेज बारिश की संभावना बढ़ी है। क्या मौसम फिर से उथल-पुथल मचा देगा? सावधान रहें!
Madhya Pradesh Monsoon Update: मध्य प्रदेश के मौसम विभाग ने प्रदेश के 13 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। बुधवार को सीहोर, हरदा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट में अगले 24 घंटे के भीतर 4.5 इंच तक बारिश होने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, 15 अगस्त से प्रदेश में एक स्ट्रॉन्ग मानसून सिस्टम एक्टिव होगा, जो प्रदेश में तेज बारिश की नई लहर लेकर आएगा।
कौन से जिलों में हो सकती है सबसे ज्यादा बारिश?
- सीहोर
- हरदा
- रायसेन
- नर्मदापुरम
- बैतूल
- नरसिंहपुर
- छिंदवाड़ा
- पांढुर्णा
- सिवनी
- अनूपपुर
- डिंडौरी
- मंडला
- बालाघाट
इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी के साथ साथ लोगों से सतर्कता बरतने को कहा गया है।
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पिछले 24 घंटे में बारिश की क्या रही स्थिति?
मंगलवार को प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश जारी रही। उमरिया में 2.5 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज हुई, जबकि ग्वालियर और सीधी में लगभग आधा इंच पानी गिरा। इंदौर, पचमढ़ी, बालाघाट, सागर, रीवा, मंडला, डिंडौरी, सिवनी, मैहर और दमोह समेत कई जिलों में हल्की बारिश का दौर जारी रहा।
मध्य प्रदेश की कुल बारिश का आंकड़ा क्या कहता है?
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में अब तक 29.7 इंच बारिश हो चुकी है। जबकि प्रदेश की औसत बारिश 37 इंच होती है। यानी अभी भी कोटे से लगभग 7.3 इंच बारिश बाकी है। वहीं इंदौर-उज्जैन संभाग में लगातार 12 दिनों से बारिश बंद रहने से सूखे जैसे हालात बन गए हैं।
क्या बारिश का दौर अब फिर से शुरू होगा?
सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के मुताबिक, प्रदेश में वर्तमान में एक ट्रफ लाइन और एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम सक्रिय है, जो बारिश के लिए जिम्मेदार है। खास बात यह है कि 13 अगस्त से उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर से एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम सक्रिय होने की संभावना है। इसके कारण पूरे प्रदेश में तेज बारिश फिर से शुरू हो सकती है। अगले 24 घंटे के भीतर इसकी स्थिति और स्पष्ट होगी।
क्या इस बार बारिश से बाढ़ का खतरा भी बढ़ सकता है?
भारी बारिश की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। खासकर उन जिलों में जहां नदी-नाले के पानी के स्तर में बढ़ोतरी हो सकती है। पूर्व में तेज बारिश से कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं, इसलिए इस बार भी सावधानी आवश्यक है।
क्या सूखे से जूझ रहे इंदौर-उज्जैन संभाग को राहत मिलेगी?
मौसम विभाग की भविष्यवाणी है कि स्ट्रॉन्ग मानसून सिस्टम के एक्टिव होने से सूखे से जूझ रहे इंदौर-उज्जैन संभाग को जल्द ही बारिश का लाभ मिल सकता है। यह क्षेत्र पिछले कई दिनों से बारिश के अभाव से प्रभावित है।
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