भाजपा इस सीट पर 15 साल से राज कर रही है। जबकि 2003 के बाद एक बार आईएनडी को भी मौका मिला है।
इस सीट पर 2013 में भाजपा और 2018 में कांग्रेस की सीट आई थी। 2023 में इस सीट से भाजपा ने अदल सिंह को टिकट दिया है। जबकि कांग्रेस ने अजब सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है।
कांग्रेस का इस सीट पर पलड़ा भारी है। यहां पिछले कई चुनावों में कांग्रेस की सरकार बनी है। लेकिन 2013 में भाजपा आई थी। फिर 2018 में कांग्रेस आई।
20 साल से इस सीट पर भाजपा का राज है। यहां से भाजपा ने जीते हुए भाजपा प्रत्याशी को फिर से मैदान में उतारा है।
भाजपा का इस सीट पर राज है। यहां लगातार भाजपा की जीत होती आ रही है। सिर्फ 2013 में लंबे समय बाद यहां कांग्रेस की सीट आई थी।
दो बार भाजपा, एक बार कांग्रेस और एक बार इस सीट पर जनता दल की जीत हुई है। इस बार यहां से भाजपा ने जीते हुए प्रत्याशी को ही मैदान में उतारा है।
भाजपा का इस सीट पर कब्जा है। यहां लगातार 3 विधानसभा चुनाव से भाजपा की सीट आ रही है। कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ रहा है।
2018 में विधायक बने रामपाल सिंह ने अपनी कुल संपत्ति 6 करोड़ 75 लाख रुपए से अधिक घोषित की थी। इस बार भी भाजपा ने उन्हें टिकट दिया है।
भाजपा ने इस सीट से कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को खड़ा किया है। 2018 में भी वे ही इस सीट से चुनाव जीते थे।
भाजपा ने विधानसभा चुनाव में संतोष बरबड़े को मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस ने उनके खिलाफ यहां से एकता ठाकुर को खड़ा किया है।