कांग्रेस इस सीट पर पिछले 10 साल से राज कर रही है। इस बार भाजपा ने यहां से विश्वमित्र पाठक को और कांग्रेस ने कमलेश्वर पटेल को मैदान में उतारा है।
भाजपा की इस सीट पर लगातार 1993 से जीत हो रही है। इस सीट को भाजपा का गढ़ कहा जाता है।
इस सीट पर महज 5 वीं पास बाबू जंडेल ने कांग्रेस की सीट से चुनाव लड़कर जीत का सेहरा पहना। इस बार भी कांग्रेस ने उन्हें चुनावी मैदान में उतारा है।
1990 से इस विधानसभा सीट पर भाजपा का राज है। यहां एक बार छोड़कर लगातार भाजपा की जीत हो रही है।
विधानसभा सीट शाहपुरा में एक बार भाजपा तो एक बार कांग्रेस को जीत का अवसर मिलता है। यहां की जनता हर बार सरकार बदल देती है।
भाजपा इस सीट पर राज कर रही है। यहां लगातार भाजपा विधानसभा चुनाव जीत रही है। इस बार भी भाजपा ने जीते हुए प्रत्याशी को मैदान में उतारा है।
वैसे तो ये भाजपा की सीट है। यहां लगातार कई विधानसभा चुनाव से भाजपा की सरकार बन रही है। लेकिन 2013 में यहां आईएनडी की जीत हुई थी।
2018 में विधानसभा चुनाव जीते ग्यारसीलाल महज 10 वीं पास थे। लेकिन उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर भारी मतों से जीत हासिल की।
भाजपा ने इस सीट से लगातार तीन विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है। इससे पहले यहां कांग्रेस आई थी।
भाजपा ने इस सीट पर 15 साल राज किया है। जबकि 2003 से अब तक एक बार आईएनडी की सीट आई है।