भोपाल. भारत के इतिहास में 1984 में 2 दिसंबर की रात और 3 दिसंबर की अगली सुबह भोपाल शहर में सड़कों पर लाशों के ढेर लगे हुए थे। ये भोपाल गैस त्रासदी थी जिसे दुनिया की अब तक की सबसे खतरनाक ट्रेजेडी माना जाता है। इसमें करीब 8000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, अपाहिज हो चुके सैकड़ों लोग आज भी इसका दंश झेल रहे हैं। 2 दिसंबर की रात 12 बजे जेपी नगर के सामने बने यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (यूका) के कारखाने में एक टैंक से ज़हरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) लीक हो गई थी जिसके हवा में घुलने के कारण इंसान और जानवर मौत की नींद सोते चले गए थे।