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- MLA बनने के लिए पॉलिटिक्स: पहले DSP की नौकरी छोड़ी अब डिप्टी कलेक्टरी, कौन हैं ये MP की चर्चित लेडी अफसर निशा बांगरे?
MLA बनने के लिए पॉलिटिक्स: पहले DSP की नौकरी छोड़ी अब डिप्टी कलेक्टरी, कौन हैं ये MP की चर्चित लेडी अफसर निशा बांगरे?
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भोपाल. मध्य प्रदेश के छतरपुर में पोस्टेड डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे मीडिया की चर्चाओं में हैं। हालांकि वे पहले भी खबरों में बनी रही हैं, लेकिन इस बार 'पॉलिटिक्स' हुई है। बौद्ध धर्म की अनुयायी निशा बांगरे ने गृह प्रवेश और विश्व शांति पुरस्कार के लिए छुट्टी मांगी थी, जो नहीं मिली। इससे गुस्सा होकर उन्होंने अपना इस्तीफा भेज दिया। विभाग ने उनकी लीव एप्लिकेशन को सिविल सेवा आचरण के विरुद्ध माना, क्योंकि पुरस्कार समारोह एक ऐसा संगठन 'गगन मलिक फाउंडेशन' कर है, जो राजनीतिक संगठन से जुड़ा है। पढ़िए मैडम अफसर को गुस्सा क्यों आया?
मध्य प्रदेश के छतरपुर में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने अपने नए घर के उद्धघाटन और 25 जून को अंतर्राष्ट्रीय सर्व धर्म शांति सम्मेलन और विश्व शांति पुरस्कार पुरस्कार समारोह में भाग लेने के लिए छुट्टी मांगी थी। उसे मंजूर नहीं किया गया।
छुट्टी नहीं मिलने पर डिप्टी कलेक्टर साहिबा भड़क उठीं और विभाग पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का सनसनीखेज आरोप लगा दिया।
हालांकि निशा बांगरे के इस्तीफे के पीछे राजनीतिक वजह मानी जा रही है। कयास हैं कि प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देने वाली निशा बांगरे मप्र के बैतूल जिले की आमला सीट से विधानसभा का इलेक्शन लड़ सकती हैं।
डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे पहले भी सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में आने की इच्छा जता चुकी हैं।
माना जा रहा है कि निशा बांगरे को आमला सीट से कांग्रेस टिकट दे सकती है। मप्र में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
दरअसल, निशा बांगरे पिछले 6 महीने से छुट्टी पर हैं। इस समय वे आमला में राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं। अब वे फिर से छुट्टी मांग रही थीं।
निशा बांगरे ने विदिशा के इंजीनियरिंग कॉलेज से 2010 से 2014 के बीच अपनी पढ़ाई की थी।
डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे प्रशासनिक सेवा में आने से पहले निशा बांगरे अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम कर चुकी हैं।
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निशा बांगरे का 2016 में एमपी पीएससी में DSP बनी थीं, 2017 में एमपी पीएससी में उनका चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ था।