सार

13 वर्षीय ईशान अनेकर ने किडनी ट्रांसप्लांट के बाद महाराष्ट्र के मालवन में राज्य स्तरीय खुले समुद्र तैराकी प्रतियोगिता में 3 किमी की दूरी पूरी कर अद्भुत साहस का प्रदर्शन किया।

 

मुंबई। ठाणे के 13 वर्षीय ईशान अनेकर ने किडनी ट्रांसप्लांट के बाद अद्भुत साहस का परिचय देते हुए महाराष्ट्र के मालवन में स्टेट लेबल खुले समुद्र तैराकी प्रतियोगिता में 3 किमी की दूरी पूरी की। ईशान पहले 40 विजेताओं में शामिल हुए। उनके साहसिक प्रदर्शन ने उन्हें प्रेरणा का प्रतीक बना दिया है।

दो साल की उम्र में हो गई थी दुर्लभ बीमारी

ईशान को दो साल की उम्र में एलपोर्ट सिंड्रोम, एक दुर्लभ अनुवांशिक किडनी रोग का पता चला था। 10 वर्ष की आयु में उनका क्रिएटिनिन स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया, जिसके बाद उनके पिता अनंत ने अपनी एक किडनी दान की। तैराकी में रुचि रखने वाले ईशान ने 7 साल की उम्र से तैराकी शुरू की और कोच आरती प्रधान और नरेंद्र पवार के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग लिया।

लाईफ स्टाइल और दवा के बूते जिया सामान्य बचपन

दवाओं और जीवनशैली में बदलाव की मदद से ईशान ने "सामान्य बचपन" जिया, स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ बास्केटबॉल और कराटे भी सीखे। उनकी मां मानसी ने बताया कि ईशान ने ठाणे के धनराज पिल्लै फाउंडेशन के धर्मवीर आनंद दिघे तरन तालाब में कोच आरती प्रधान और नरेंद्र पवार के अधीन प्रशिक्षण लिया, जिन्होंने उन्हें मालवन प्रतियोगिता के लिए तैयार किया। 

10 साल की उम्र में ईशान की क्रिएटिनिन लेवल तेजी से बढ़ा

10 साल की उम्र में ईशान का क्रिएटिनिन स्तर तेजी से बढ़ने लगा और उसे सलाह दी गई। हालांकि समुद्र में तैराकी का अनुभव उनके लिए नया था, लेकिन उनके साहस और मेहनत ने उन्हें इस चुनौती को पार करने में मदद की। ईशान की मां मानसी ने बताया कि उसने सभी बाधाओं को पार किया और अपने पहले समुद्री अनुभव में ही सफलता हासिल की।

समुद्र में तैराकी प्रतियोगिता का 3 किमी. पूरा किया

ईशान के प्रतियोगिता-पूर्व प्रशिक्षण सत्रों के दौरान उसके माता-पिता को थोड़ी चिंता होने लगी थी। उसने अब तक नियंत्रित वातावरण और सुरक्षा वाले पूल में तैराकी की थी, समुद्र में 3 किमी तैरने के लिए अच्छी सहनशक्ति की आवश्यकता होती है और स्वच्छता संबंधी चिंताएं भी थीं। गर्व से भरी मानसी ने बताया कि ईशान ने सभी बाधाओं को पार कर लिया। उसने न केवल समुद्र में तैराकी के अपने पहले प्रयास में दौड़ पूरी की, बल्कि जीतने वाले पहले 40 बच्चों में से एक भी था।

पिता ने पिछले साल जीता था गोल्ड मेडल

डॉ. भरत शाह, जिन्होंने ईशान का इलाज किया और ट्रांसप्लांट खेलों का आयोजन करते हैं, ने बताया कि हम इन खेलों के जरिए यह दिखाते हैं कि ट्रांसप्लांट के बाद भी जनरल लाइफ संभव है। ईशान और उनके पिता ने 2023 के नेशनल ट्रांसप्लांट खेलों में गोल्ड मेडल जीता। ईशान का अगला लक्ष्य 10 किमी की समुद्री दौड़ में तैरने का है। उनका यह संकल्प प्रेरणा का स्रोत है और अंग दान के महत्व को उजागर करता है। ईशान ने अपना अगला लक्ष्य पहले ही तैयार कर लिया है। मानसी ने बताया कि रविवार को पानी से बाहर आने के तुरंत बाद उसने कहा कि वह अगले साल 10 किलोमीटर की दौड़ में तैरना चाहता है।

 

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