सार

महाराष्ट्र चुनाव से पहले एनसीपी नेता अजित पवार ने बारामती से अपने गहरे जुड़ाव पर बात की और चुनाव में युगेंद्र पवार के खिलाफ मुकाबले पर अपने विचार साझा किए।

मुंबई। महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियों के बीच NCP (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) के नेता अजीत पवार ने एक विशेष इंटरव्यू में अपनी राजनीतिक यात्रा और बारामती से अपने जुड़ाव पर खुलकर बात की। चुनाव करीब आने के साथ ही उन्होंने बारामती क्षेत्र के प्रति अपनी गहरी आस्था व्यक्त की और लोगों से उन्हें आठवीं बार चुने जाने का अनुरोध किया।

बारामती से गहरा रिश्ता

अजित पवार ने कहा, “1987 से मैं बारामती से जुड़ा हूं और यह मेरे दिल के बेहद करीब है। लोग मुझे अपने नेता के रूप में जानते हैं और मैं उन्हें निरंतर सेवा देना चाहता हूं।” 7 बार चुनाव जीत चुके अजीत ने इस बार भी जीत की इच्छा व्यक्त करते हुए कहा, "आपने मुझे सात बार चुना है, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि मुझे आठवीं बार फिर से चुनकर विधानसभा भेजें।"

युगेंद्र पवार की उम्मीदवारी पर विचार

अजित पवार ने अपने खिलाफ चुनाव लड़ रहे युवा नेता युगेंद्र पवार के बारे में भी चर्चा की। उनका कहना था कि "युगेंद्र एक युवा हैं, जिन्होंने अभी अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की है। राजनीति में हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है और यह उनके लिए एक शुरुआत है। वे अपने तरीके से प्रचार कर रहे हैं और मैं अपने तरीके से। अब यह जनता पर निर्भर है कि वे किसे चुनते हैं।"

पिछली गलतियों को स्वीकार करना

बारामती में "पवार बनाम पवार" के राजनीतिक दृश्य पर बात करते हुए अजित पवार ने स्वीकार किया कि उन्होंने सुप्रिया के खिलाफ सुनेत्रा को चुनाव लड़ने की अनुमति देकर गलती की। उन्होंने कहा, "यह कदम बारामती के लोगों को पसंद नहीं आया और मैंने महसूस किया कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। इस गलती को मैंने पहले भी स्वीकार किया है।"

शरद पवार के आरोपों का जवाब

एनसीपी के प्रमुख शरद पवार द्वारा पार्टी को लेकर उठाए गए सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए अजीत पवार ने स्पष्ट किया कि उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी, बल्कि इसके निर्माण और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, "शरद पवार जी ने इस्तीफा देकर किसी और को नेतृत्व देने की बात की थी। बाद में वे खुद वापस आए। पार्टी के कई सदस्यों ने मेरा समर्थन किया और मुझे नेता चुना गया। पार्टी चुराने के आरोप निराधार हैं। छगन भुजबल और प्रफुल्ल पटेल समेत कई बड़े नेता इस निर्णय में मेरे साथ थे।" अजित पवार का कहना है कि वे सरकार में किए गए अच्छे कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और बिना किसी पर आरोप लगाए इस पर ही ध्यान देना जारी रखेंगे।

 

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