मुंबई. महाराष्ट्र के औरंगाबाद में शुक्रवार तड़के 5.15 बजे पटरियों पर सोये थके-मांदे मजदूरों को मालगाड़ी के कुचलने की घटना लॉकडाउन में सरकार की नाकामी को दिखाती है। ये 21 मजदूर काम-धंधा बंद होने के बाद जालना से पैदल ही मध्य प्रदेश के शहडोल को अपने घरों के लिए निकले थे। इनमें से 16 लोगों की ट्रेन से कटकर मौत हो गई। ये मजदूर लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे थे। लेकिन जब तीसरी बार लॉकडाउन बढ़ा, तो इनके भूखे-मरने का नौबत आ गई। तमाम कोशिशों के बावजूद जब उन्हें घर वापसी का कोई इंतजाम नहीं दिखा, तो वो पैदल ही घर को निकल पड़े थे। हादसा औरंगाबाद के कर्मार्ड के नजदीक हुआ।
(पहली तस्वीर औरंगाबाद ट्रेन हादसे के बाद पटरी पर बिखरीं मजदूरों की रोटियों की हैं, दूसरी तस्वीर गुरुग्राम है। सैंडल ठीक से घर पहुंचा दें, इसके लिए महिला उसे प्लास्टिक रस्सी से बांधते हुए।)