एनसीपी प्रमुख पवार ने स्पष्ट किया कि बीजेपी को समर्थन देने का फैसला अजित पवार का निजी निर्णय था और पार्टी बीजेपी के खिलाफ है
महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली फडणवीस की सरकार की वैधानिकता को लेकर कई सवाल किए जा रहे हैं। लेकिन ये सवाल वास्तव में सियासतदानों के सामने बहुत टिकने वाले नहीं हैं, क्योंकि सरकार बनाने के लिए बीजेपी के दिग्गजों ने कानूनी दांव पेंच का पूरा ध्यान रखा है।
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महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस ने दोबारा सीएम पद की शपथ ली। एनसीपी नेता अजित पवार डिप्टी सीएम हैं। अब सबके जहन में एक ही सवाल है कि आखिर अजित पवार के पास विधायकों की इतनी संख्या है कि उनके समर्थन के साथ भाजपा सरकार बना सके 30 नवंबर तक बहुमत साबित करना है।
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महाराष्ट्र में एनसीपी में हुए फूट के बाद एनसीपी की नेता और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने भाई अजित पवार पर हमला बोला है। साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी और परिवार टूट गया। इसके साथ ही अन्य नेताओं ने भी अपना प्रतिक्रिया दी है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने आरोप लगाया है कि अजित पवार ईडी से डरे हुए हैं। जिसके बाद से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार और अजित पवार के नाम पर दर्ज बैंक घोटाले का केस एक बार चर्चा में आ गया है। जिसमें शरद पवार और अजीत पवार पर एक हजार करोड़ के घोटाले का आरोप है।
महाराष्ट्र में आज सुबह बड़ा उलटफेर हुआ। जहांं एक दिन पहले सरकार गठन पर शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने बैठक की, वहीं अगली सुबह देवेन्द्र फडणवीस ने सरकार बना ली। उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। एनसीपी नेता अजित पवार उपमुख्यमंत्री बने।
कहा जा रहा है कि अचानक हुए इस बदलाव से एनसीपी समेत पार्टी के तमाम दिग्गज नेता अनभिज्ञ हैं। शरद पवार ने भी अनभिज्ञता जाहिर की और कहा कि बीजेपी के साथ जाने का फैसला अजित पवार का है, पार्टी का नहीं।
शिवसेना के नेता संजय राउत ने अजीत पवार पर निशाना साधा और कहा कि अजित पवार वकील से मिलने के बहाने बाहर गए थे। सत्ता और पैसे के दम पर पूरा खेला हुआ है। अजित पवार नजर नहीं मिला पा रहे थे।