पिछले एक दशक में बीजेपी की ताकत महाराष्ट्र में प्रभावशाली तरीके से बढ़ी है। 2014 के चुनाव में शिवसेना के बिना बीजेपी ने बड़ी कामयाबी हासिल की। हालांकि बाद में दोनों का गठबंधन हुआ, मगर शिवसेना अब तक जूनियर की भूमिका पचा नहीं पाई है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने उल्हासनगर में दो दिन पहले कथित रूप से एक रैली में कहा कि मेट्रो लाइन कल्याण तक बन रही है और उसे उल्हासनगर तक बढ़ाया जाएगा और मेट्रो स्टेशन को सिंधू नगर के नाम से जाना जाएगा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पहला राफेल लड़ाकू विमान लेने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ‘‘अचानक’’ फ्रांस जाने के मकसद पर रविवार को सवाल किया।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में विपक्ष का सारा दारोमदार और संभावनाएं 78 साल के शरद पवार के कंधों पर हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी चीफ शरद पवार जबरदस्त तरीके से चुनाव अभियान में जुटे हुए हैं। इस चुनाव में शरद के भतीजे अजित पवार और एक पोता रोहित पवार भी उम्मीदवार हैं।
सीएम योगी ने कहा, ‘‘गांधी जिस भी पार्टी का समर्थन करने जा रहे हैं, उसका हारना तय है। गांधी की मौजूदगी ने कांग्रेस तथा राकांपा की हार तय कर दी है।’’
महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी में गठबंधन के बाद सीएम पद को लेकर तनातनी है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की तरफ से कई बार ये बयान सुनने को मिला कि राज्य का मुख्यमंत्री उनकी पार्टी से होगा। उनका इशारा बेटे आदित्य ठाकरे की तरफ था। अब ठाकरे के इस बयान पर बीजेपी महासचिव भूपेंद्र यादव ने अपनी बात रखी है।
राज ठाकरे ने जरूरी मुद्दों को नहीं उठाने के लिए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मतदाताओं के लिए इस तरह के नेताओं को अपनी जगह दिखाने और काम नहीं करने वालों को घर बैठाने का सही समय है।
महाराष्ट्र में पीएमसी बैंक का मामला सामने के आने के बाद सोशल मीडिया में भाजपा सरकार की नीतियों को लेकर नाराजगी स्पष्ट तौर पर है। पूरा चुनावी विमर्श रोजगार और अर्थव्यवस्था पर केंद्रित होगा। गौरतलब है कि राज्य की सभी 288 विधानसभा सीटों के लिए 21 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे और 24 अक्टूबर को मतगणना होगी।
एक हालिया इंटरव्यू में एनसीपी नेता अजित पवार ने माना कि सरकार रहने के दौरान शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे को गिरफ्तार करना बड़ी भूल थी। एनसीपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अजित पवार के इस बयान की महाराष्ट्र में चर्चा है।
राजनीति में अपने फायरब्रांड भाषणों के लिए मशहूर राज ठाकरे कई मामलों में सबसे अलग हैं। चचेरे बाई और शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे की अपेक्षा राज का परिवार राजनीतिक के मंचों पर कभी कभार ही नजर आता है। बताने कि जरूरत नहीं कि महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे परिवार की भूमिका अहम है।