MNS workers attacked Coaching centre head: राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने ठाणे के कोचिंग सेंटर संचालक सिद्धार्थ चंदेल पर किया हमला। मराठी भाषा के नाम पर हिंसा बढ़ी, MNS ने दी और हमलों की धमकी।

MNS workers attacked Coaching centre head: राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (Maharashtra Navnirman Sena - MNS) एक बार फिर विवादों में है। इस बार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ठाणे जिले के कल्याण में स्थित एक प्रतिष्ठित कोचिंग सेंटर पर हमला कर दिया। कोचिंग सेंटर चलाने वाले सिद्धार्थ सिंह चंदेल पर दर्जनों छात्रों के सामने हाथ उठाया गया और यह सब कैमरे में कैद हो गया। एमएनएस कार्यकर्ताओं के मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

कोचिंग फीस वसूलने और क्लास नहीं लेने पर बहसबाजी

करीब ढाई मिनट के वायरल वीडियो में तीन MNS कार्यकर्ता, सिद्धार्थ सिंह चंदेल से फीस वसूलने और क्लास न लेने का आरोप लगाते दिखते हैं। चंदेल उन्हें समझाने की कोशिश करते हैं लेकिन बात बढ़ती है। एक कार्यकर्ता उन्हें थप्पड़ मारता है, दूसरा उन पर स्टील की बोतल फेंकता है और तीसरा लकड़ी की प्लेट से हमला करता है। वहीं, कमरे के कोने में कुछ छात्राएं सहमी हुई बैठी थीं जिनमें से एक ने यह वीडियो रिकॉर्ड किया।

MNS ने मीरा रोड और विक्रोली के व्यापारियों से पहले की थी मारपीट

हाल ही में MNS कार्यकर्ताओं ने मीरा रोड और विक्रोली में भी व्यापारियों पर हमले किए हैं। प्रवासी ऑटो चालकों को भी मारा गया है। इन घटनाओं में भी कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई है। MNS प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) न सिर्फ इन हमलों को जायज ठहरा रहे हैं बल्कि हमलावरों की तारीफ भी कर रहे हैं। पार्टी ने धमकी दी है कि यदि कोई राज ठाकरे की आलोचना करेगा तो और हमले होंगे।

मराठी बनाम हिंदी विवाद की आग में राजनीति

इस हिंसा की जड़ महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले में है, जिसमें कक्षा 1 से 5 तक हिंदी (Hindi) को अनिवार्य भाषा बनाया गया है। इसके विरोध में राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के गुट के साथ मिलकर मोर्चा खोल दिया है। MNS इसे 'हिंदी थोपना' बता रही है और मराठी (Marathi) भाषा के नाम पर हिंसा को जायज ठहरा रही है।

गृह मंत्री का चौंकाने वाला बयान

गृह मंत्री योगेश कदम (Yogesh Kadam) ने इस मामले पर कहा कि जो मराठी का अपमान करेगा, उस पर कार्रवाई होगी लेकिन उन्होंने गुंडागर्दी करने वालों के खिलाफ कोई सख्त रुख नहीं दिखाया। इससे साफ है कि राजनैतिक संरक्षण में ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

पुलिस कार्रवाई पर सवाल

मीरा रोड हमले में रिपोर्ट के बाद ही पुलिस ने सात आरोपियों को पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन उन्हें बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया गया। वीडियो होने के बावजूद कोई गिरफ्तारी नहीं होना महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल है।