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ये हैं एशिया की पहली वुमेन लोकोमोटिव पायलट, जो अब हाईस्पीड Vande Bharat दौड़ा रही हैं, 5 मिनट पहले स्टेशन पहुंचा दी ट्रेन
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मुंबई. ये हैं एशिया की पहली महिला लोकोमोटिव पायलट सुरेखा यादव, जो अब वंदे भारत एक्सप्रेस चला रही हैं। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सुरेखा यादव की प्रशंसा करते हुए एक ट्वीट लिखा, "वंदे भारत-पावर्ड बाय नारी शक्ति। श्रीमती सुरेखा यादव, वंदे भारत एक्सप्रेस की पहली महिला लोको पायलट।" सुरेखा यादव ने सोमवार(13 मार्च) को महाराष्ट्र में सोलापुर से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल (CSMT) तक वंदे भारत एक्सप्रेस को ऑपरेट किया।
सुरेखा यादव ने हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेन के संचालन का मौका दिए जाने के लिए रेलवे का तहेदिल ने शुक्रिया किया है।
सुरेखा यादव ने कहा-"वह नए युग, अत्याधुनिक तकनीक वाली वंदे भारत ट्रेन को चलाने का अवसर देने के लिए आभारी थीं। ट्रेन सही समय पर सोलापुर से रवाना हुई और समय से 5 मिनट पहले सीएसएमटी पहुंची। सेंट्रल रेलवे ने tweet किया कि क्रू लर्निंग प्रोसेस में सिग्नल का पालन करना, नए इक्विपमेंट पर हाथ आजमाना, अन्य क्रू मेंबर्स के साथ को-ऑर्डिनेशन और ट्रेन चलाने के लिए सभी पैरामीटर्स का पालन करना शामिल है।
महाराष्ट्र के सतारा की रहने वाली सुरेखा यादव 1988 में देश की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर बनीं।
इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के अवसर पर मध्य रेलवे ने प्रतिष्ठित मुंबई-पुणे डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस और सीएसएमटी-कल्याण महिला विशेष लोकल ट्रेन का संचालन सभी महिला कर्मचारियों के साथ किया था।
महिला दिवस पर सुरेखा यादव ने सहायक लोको पायलट के रूप में सयाली सावरडेकर के साथ डेक्कन क्वीन का संचालन किया था।