रांची, झारखंड. राजनीति की डगर बेहद कठिन होती है। खासकर तब, जब आप अकेले पड़ गए हों। ऐसे में अगर कोई आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है, तो वो खुद का हौसला। मनोहरपुर विधानसभा से झामुमो की विधायक जोबा मांझी यही उदाहरण पेश करती हैं। उन्होंने राजनीति में कदम हंसी-खुशी के माहौल में नहीं, बल्कि तब रखा, जब घर में गम का वातावरण था। उनके पति की हत्या कर दी गई थी। बहरहाल, जोबा मांझी चौथी बार मंत्री बनी हैं। वे अभिभाजित राज्य में भी मंत्री रही हैं। जोबा को हेमंत सरकार में मंत्री पद मिला है। जोबा आज भी साधारण रहन-सहन से जिंदगी गुजारती हैं। झारखंड बनने से पहले उनका विधानसभा क्षेत्र नक्सलियों का गढ़ रहा है। यहां चिड़िया सेल माइंस और सारंडा के घने जंगलों के कारण विख्यात रहा है।