महासमुंद, छत्तीसगढ़. अंधविश्वास का जुननू एक बाबा की मौत का कारण बन गया। बाबा ने 108 घंटे के लिए भूमिगत समाधि ली थी। जब उन्हें बाहर निकाला गया, तब उनकी मौत हो चुकी थी। डॉक्टरों के मुताबिक, दम घुटने के कारण बाबा को अपनी जिंदगी गंवानी पड़ी। बाबा की पहचान चमनदास के रूप में हुई है। चमन दास पिछले पांच सालों से समाधि का जोखिम उठा रहे थे। सबसे पहले उन्होंने 24 घंटे की समाधि ली थी। इसके बाद क्रमश: 48 घंटे, 72 घंटे और पिछले साल 96 घंटे की समाधि पर बैठे थे। चारों बार जब वे सुरक्षित बाहर निकल आए, तो उनके अनुयायियों में उनके प्रति भक्तिभाव बढ़ गया। इसे देखकर बाबा भी जोशीली हो उठे। इस बार 16 दिसंबर की सुबह करीब 8 बजे वे 108 घंटे की समाधि पर बैठे थे। 20 दिसंबर को जब उन्हें गड्ढे से बाहर निकाला गया, तब उनकी मौत हो चुकी थी।