गुरुग्राम/नई दिल्ली. हम सभी जानते हैं कि भारतीय समाज में आज भी लड़कियों को पढ़ने-लिखने और अपनी मन मर्जी से कुछ करने की आजादी नहीं है। देश के पिछड़े इलाकों में तो लड़कियां घर से बाहर नहीं निकल सकतीं, स्कूल नहीं जा सकती। पर अब 21वीं सदी में धीरे-धीरे बदलाव आने शुरू हो गए हैं। ये बदलाव किसी एक की वजह से नहीं बल्कि हर क्षेत्र में लड़कियों के पूरे जोश और जुनून से कदम बढ़ने से आए हैं। ऐसे ही अब लड़कियां किसी चीज में पीछे नहीं हैं चाहे वो एक ड्राइवर का ही काम क्यों न हो।