करीब 25 हजार टन गेहूं की पहली खेप रवाना हुई है। भारत ने पाकिस्तान से अनुरोध किया था कि अफगानिस्तान में 50,000 टन गेहूं सड़क मार्ग से भेजनी है। इसके लिए वह अपनी सड़क का प्रयोग करने दे।
बताया गया कि इन ऐप्स, वेबसाइट्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह की सामग्री को प्रकाशित और प्रसारित किया जा रहा था, जो कि अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली थी। यह भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा को खतरे में डालने वाली थी।
सिद्धू ने कहा कि वह लोगों के जनादेश पर टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन पंजाब को अपनी आखिरी सांस तक एक कल्याणकारी राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। चाहे कुछ भी हो जाए, भ्रष्ट और माफिया राज के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी।
गुरमीत रेप और हत्या के तीन मामलों में आजीवन कारावास और 20 साल की सजा काट रहा है। उसे पंजाब में चुनाव के बीच 21 दिन की फरलो देने पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था।
मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. एस करुणा राजू (Dr.S.Karuna Raju) ने बताया कि चुनाव आयोग का फोकस स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने पर था। उन्होंने कहा कि यह बड़े संतोष की बात है कि सभी 196 महिला मतदान केंद्रों पर भी बड़ी संख्या में मतदाता नजर आए।
पंजाब के 117 विधानसभा सीटों के लिए रविवार को मतदान हुआ। राज्य के 64.44 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
पंजाब चुनाव में कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने कभी वोट नहीं डाला। इस बार भी नहीं। इन लोगों के वोट नहीं डालने के अपने-अपने कारण हैं। किसान नेता झंडा सिंह जेथुके ने अपने जीवन में केवल एक बार मतदान किया है।
चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग खत्म हो गई है। सिर्फ लाइन में लगे लोग वोट डाल रहे हैं। दिग्गजों ने अपने वोट का इस्तेमाल करने के बाद बड़े-बड़े दावे किए। सभी राजनीतिक दलों के नेता अपनी और अपनी पार्टी की जीत को लेकर आश्वस्त हैं। हर कोई अपनी सरकार होने का दावा कर रहा है। हालांकि इन दावों में कितनी सच्चाई है, यह तो 10 मार्च को ईवीएम खुलने पर ही पता चलेगा। तस्वीरों में देखिए कैप्टन जब मतदान करने पहुंचे...
ये घटना फिरोजपुर जिले के मल्लांवाला थाना क्षेत्र के मल्लूवाला गांव की है। यहां पहले दो पक्षाें में वोट को लेकर झड़प हो गई। दोनों पक्षों ने हवा में लगभग एक दर्जन गोलियां चलाईं और एक-दूसरे पर ईंट-पत्थर फेंके, जिससे अफरा-तफरी मच गई और चुनाव अधिकारियों ने मतदान प्रक्रिया को रोक दिया।
आखिर अब यह बयान क्यों दिया गया, इस पर पंजाब की राजनीति पर नजर रखने वालों का मानना है कि इसके कई मायने हैं। अभी तक क्योंकि भाजपा अकाली दल मिल कर ही सरकार बनाते रहे हैं। दोनों दल एक दूसरे के सपोर्टर रहे हैं। तीन कृषि कानूनों की वजह से दोनो की दोस्ती में दरार आ गई थी।