Digital Arrest : राजस्थान के अजमेर जिले में एक रिटायर्ड कर्मचारी को 'डिजिटल अरेस्ट' कर साइबर ठगी की। आरोपियों ने ऐसा खौफ दिखाया कि पीड़ित ने बेबस होकर अपनी सारी जिंदगी भर की कमाई 86 लाख से ज्यादा बैंक से निकालकर उनको ट्रांसफर कर दी।
राजस्थान के अजमेर जिले से साइबर ठगी का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक रिटायर्ड बैंक कर्मचारी डिजिटल अरेस्ट कर ऐसा डर दिखाया कि उन्होंने बचने के लिए 86 लाख से ज्यादा पैसे आरोपियों को दे दिए। इसके लिए पीड़ित ने अपनी सारी फिक्स डिपाजिट तुड़वा दी, जिसमें उन्होंने अपने बुढ़ापे के लिए जिंदगी भर की कमाई जुटा रखी थी।
मैं CBI अफसर बोल रहा हूं-आपके खिलाफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस
दरअसल, यह पूरा मामला अजमेर जिले के मदनगंज किशनगढ़ का है। जहां 75 साल के संपतलाल माहेश्वरी ने मंगलवार को साइबर थाने में अपने साथ हुए इस फ्रॉड केस की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पीड़ित ने बताया कि 5 नवंबर को उनको वॉट्सएप पर पहले 'जय हिंद' का मैसेज आया था। मैसेज के बाद वॉट्सएप कॉल आया। कॉलर ने खुद का नाम विजय कुमार बताया। कहा कि वह दिल्ली में सीबीआई अफसर हैं। आपके खिलाफ नाम पर एक मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज हुआ है। इतना सुनते ही बुजुर्ग घबरा गए। वहीं युवक ने दूसरी बार कॉल कर कहा कि सदाकत खान नाम के युवक को ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस में गिरफ्तार किया है। जिसे दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ा है। उसके पास से 200 के करीब एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं। जिसमें एक कार्ड आपका का है। इसके बाद तो बुजुर्ग और उनकी पत्नी डर गए।
खौफ में बुजुर्ग दंपत्ति ने जमा किए 86 लाख 70 हजार
पीड़ित बुजुर्ग ने बताया कि दो दिन बाद 7 नवंबर को फिर उसी शख्स का कॉल आया। उसने अपने साथ दूसरे लोगों से भी बात कराई कहा यह हमारे सीनियर अधिकारी हैं। एक महिला ने नकली सीबीआई अधिकारी बनकर कहा कि आपको इस केस में 2 साल की सजा हो सकती है, साथ ही 5 लाख का जुर्माना भी लग सकता है। इसके साथ ही उन्हें डिजीटली अरेस्ट कर लिया। साथ ही कहा कि वह किसी के संपर्क ना रहें, किसी से भी इस बारे में बात नहीं करें। घर से बाहर भी नहीं निकलें। साथ ही उनके घर में लगे कैमरों को अपने मोबाइल से कनेक्ट कर लिया। इसके बाद ठगों ने कहा कि अगर आप इन सब से फ्री होना चाहते हैं तो आपके पास जितना भी पैसा हो वह हमको दे दो, हम सीनियर अधिकारियों से बात करके केस को रफा दफा करवा देंगे। जेल और बदनाम के डर से बुजुर्ग दंपत्ति ने अपने करीब 18 एफडी तुड़वा लीं और उससे निकले 86 लाख 70 हजार रुपये उनके बताए खातों में ट्रांसफर कर दिए।
