Alwar Shocking Accident! अलवर में 11 साल की नेशनल ताइक्वांडो प्लेयर तुलिका की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत। कोचिंग से लौटते वक्त तेज बाइक ने ई-रिक्शा को मारी टक्कर, मासूम की जिंदगी लील गई ट्रैफिक की लापरवाही! 

Taekwondo player death in Alwar: राजस्थान के अलवर जिले से एक हिलाकर रख देने वाली खबर सामने आई है, जहां महज 11 साल की नेशनल ताइक्वांडो प्लेयर तुलिका की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं था, बल्कि सिस्टम की लापरवाही, ट्रैफिक पुलिस की सुस्ती और सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी का नतीजा था। एक प्रतिभाशाली बच्ची, जो देश का नाम रोशन करने का सपना देख रही थी, कोचिंग से लौटते समय असमय मौत का शिकार बन गई। अब सवाल उठ रहे हैं-क्या हमारी सड़कों पर बच्चों की जान सुरक्षित है?

ई-रिक्शा में बैठी तुलिका की जान क्यों नहीं बच सकी? 

सोमवार शाम अलवर शहर में तुलिका रोज की तरह कोचिंग से लौट रही थी। वह ई-रिक्शा में सवार थी, तभी एक तेज रफ्तार बाइक ने रिक्शा को जोरदार टक्कर मारी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि रिक्शा पलट गया और तुलिका उसके नीचे दब गई। सिर में गंभीर चोटें आने के कारण घटनास्थल पर ही उसकी हालत नाजुक हो गई। अस्पताल पहुंचने तक खून ज्यादा बह चुका था और डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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ट्रैफिक नियमों की अनदेखी और पुलिस की नाकामी 

स्थानीय लोगों का आरोप है कि क्षेत्र में ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं होता और पुलिस इस पर ध्यान नहीं देती। न सिग्नल हैं, न स्पीड ब्रेकर और न ही कोई ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी। क्षेत्रीय व्यापारी संघ ने भी इस हादसे पर नाराजगी जताते हुए प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग की है।

क्या ये महज हादसा था या सिस्टम का ‘स्लो मर्डर’? 

इस तरह की घटनाएं अब आम हो चली हैं। एक नेशनल लेवल की खिलाड़ी सड़क हादसे की शिकार हो गई, लेकिन प्रशासन की प्रतिक्रिया बेहद ढीली है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, लेकिन बाइक सवार अब तक फरार है। क्या यह किसी होनहार खिलाड़ी की हत्या जैसा गंभीर मामला नहीं है?

क्यों बन रही हैं सड़कें मौत का कारण? 

हर साल हजारों बच्चे और युवा लापरवाह ट्रैफिक और खराब इन्फ्रास्ट्रक्चर का शिकार बनते हैं। सवाल यह है कि क्या सरकार और पुलिस तंत्र को तब ही जागरूकता आती है जब कोई बड़ा चेहरा या नाम शिकार बनता है? तुलिका का जाना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर एक बड़ा सवालिया निशान है।

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