सार

बीकानेर में एक शिक्षक के रिटायरमेंट पर उनके बेटे, जो उसी स्कूल के प्रिंसिपल हैं, ने साइन किए। पिता ने स्कूलों को दान भी दिया।

बीकानेर. सरकारी स्कूल के एक शिक्षक के लिए वह पल यादगार बन गया जब उनके रिटायरमेंट ऑर्डर पर उनके ही बेटे ने हस्ताक्षर किए। यह घटना बीकानेर जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बंधड़ा की है, जहां शिक्षक जोगाराम जाट ने 39 वर्षों की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति ली। खास बात यह रही कि उनके रिटायरमेंट ऑर्डर पर उनके बेटे श्याम सुंदर चौधरी ने, जो उसी स्कूल के प्रधानाध्यापक हैं, हस्ताक्षर किए।

सामाजिक सहयोग के साथ दी सेवा विदाई

जोगाराम जाट ने अपने सेवानिवृत्ति के अवसर पर विद्यालयों में योगदान देते हुए राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बंधड़ा को 31,000 रुपए, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय केड़ली को 11,000 रुपए और राजकीय प्राथमिक विद्यालय केड़ली को 5,100 रुपए का दान दिया। उन्होंने कहा, "12 अक्टूबर 1985 को मैंने शिक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया था। आज गर्व और खुशी का दिन है कि मैं अपनी सरकारी सेवा से संतुष्ट होकर सेवानिवृत्त हो रहा हूं।"

बेटे के लिए भी खास था पल

श्याम सुंदर चौधरी, जो वर्तमान में बंधड़ा स्कूल के कार्यवाहक प्रधानाध्यापक हैं, ने कहा, "पिता के रिटायरमेंट ऑर्डर पर हस्ताक्षर करना मेरे लिए गर्व और भावुकता का क्षण था। उनके जैसे शिक्षक का बेटा होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।" श्याम सुंदर ने 2011 में कैमिस्ट्री के लेक्चरर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। 2022 में उन्हें राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 1 अक्टूबर 2023 से वे कार्यवाहक प्रधानाध्यापक के रूप में कार्यरत हैं।

विद्यालय में हुआ सम्मान समारोह

रिटायरमेंट के मौके पर स्कूल में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। छात्रों, शिक्षकों और ग्रामीणों ने जोगाराम जाट के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। समारोह में उनकी 39 वर्षों की निस्वार्थ सेवा को सराहा गया। इस घटना ने शिक्षक और शिक्षण के प्रति समर्पण की मिसाल पेश की, जिसे गांव और विद्यालय के लोग लंबे समय तक याद रखेंगे।

 

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