Bhilwara News : राजस्थान के भीलवाड़ा से मानवता को कलंकित करने वाला मामला आया है। जहां एक 15 के मासूम को मारने के लिए उसे जंगल में फेंक दिया। रोने से उसकी आवाज किसी को सुनाई ना दे...इसलिए उसके मुंह में पत्थर ठूंसकर फेवीक्विक से चिपका दिया।
Rajasthan News : राजस्थान के भीलवाड़ा जिले से घटना सामने आई है, वह मानवता को शर्मसार करने वाली है। यहां एक 15 दिन के मासूम को निर्दयी माता-पिता ने मरने के लिए जंगल में फेंक दिया। वह इतने पत्थर दिल थे कि उसकी आवाज किसी को सुनाई नहीं दे, इसलिए नवजात के मुंह में पत्थर ठूंस दिया और उसे फेवीक्विक से चिपका दिया। लेकिन कहते हैं ना मारने वाले से बड़ा बचाने वाला होता है, जिसकी जिंदगी जितनी लिखी है उसका कोई कुछ नहीं कर सकता है। इसी कहावत को सच करता है यह मासूम….जो जिंदा है।
मंगल को सामने आई यह अमंगल घटना
दरअसल, यह घटना भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ में मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे उस वक्त सामने आई। जब एक मवेशी चराने वाले की नजर बच्चे पर पड़ी तो उसके होश उड़ गए। उसने किसी तरह मासूम के मुंह में चिपका पत्थर निकाला तो वह रोने लगा। युवक ने किसी तरह लोगों की मदद से बच्चे को अस्पताल पहंचाया। जहां उसका इलाज जारी है। लोग उसके ठीक होने के लिए दुआ मांग रहे हैं।वहीं अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकेश धाकड़ ने बताया- बच्चा 15 से 20 दिन का है। उसकी हालत गंभीर है, उसे फिलहाल भीलवाड़ा हायर सेंटर भेजा गया है।
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पुलिस 15 दिन की डिलेवरी डाटा निकाल रही
मामले की जांच कर रहे कांस्टेबल विजय सिंह ने बताया कि यह मासूम बिजौलिया में सीता का कुंड मंदिर के सामने जंगल में एक मवेशी चराने वाले युवक को मिला है। अगर जरा सी भी देरी हो जाती तो कुछ भी हो सकता था। युवक ने समय रहते अपनी सूझबूझ से बच्चे को बचा लिया और उसे सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। पुलिस ने मामला दर्ज कर उन लोगों की तलाश शुरू कर दी है, जिन्होंने इस बच्चे को इस हालत में जंगल में मरने के लिए फेंका था। आसपास के गांव में पता लगाया जा रहा है कि 15 दिन पहले किस महिला की डिलेवरी हुई है। ग्रामीणों और आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है। वहीं मांडलगढ़ और बिजौलिया के हॉस्पिटल में पिछले दिनों हुए डिलीवरी का डाटा भी निकलवाया जा रहा है।
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