सार
कांग्रेस छोड़कर नंदलाल पूनिया ने भाजपा ज्वाइन कर ली लेकिन इसके बाद भी उन्हें टिकट नहीं मिला। भाजपा ने उनकी जगह बहू सुमित्रा चौधरी को टिकट दे दिया है।
चूरू। यूं तो देश में पांच स्टेट में चुनाव हो रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी पार्टियों को राजस्थान में आ रही है। राजस्थान में फूंक-फूंक कर कदम रख रही पार्टियां टिकट देने में पूरी सावधानी बरत रही हैं लेकिन उसके बाद भी विवाद है कि थमने के नाम नहीं ले रहे। दोनों ही बड़ी पार्टियों को विवाद की ये कीमत चुकानी पड़ रही है कि टिकट की तलाश में नेता दल बदल ले रहे हैं। ऐसा ही एक मामला चूरू जिले से सामने आया है।
ससुर को छोड़ भाजपा ने बहू को टिकट दिया
चूरू में टिकट की उम्मीद टूटने के बाद कांग्रेस छोड़कर पूर्व विधायक भाजपा में शामिल हुए लेकिन उसके बाद भी उनका प्रत्याशियों की लिस्ट में नाम नहीं आया। हांलाकि उनकी जगह इस बार उनके बहू की लॉटरी लग गई। पार्टी ने बहू को टिकट दे दिया।
पार्टी बदलने पर भी नहीं मिला टिकट
दरअसल चूरू की सादुलपुर विधानसभा सीट पर भाजपा ने हाल ही में उम्मीदवार घोषित किया है। इस सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक और कांग्रेस से ही कई बार सरपंच रहे नंदलाल पूनिया ने भाजपा से टिकट मांगा था। वे पहले कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने इस बार चेहरा बदल दिया और पूनिया को टिकट नहीं मिला। पार्टी के बड़े नेताओं से उन्होंने मुलाकात की लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल सका। अभी चंद दिनों पहले वे भाजपा में शामिल हो गए। लेकिन उनका विरोध देखते हुए भाजपा ने भी उनको टिकट नहीं दिया।
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1971 से राजनीति में सक्रिय हैं नंदलाल पूनिया
भाजपा ने नंदलाल पूनिया की जगह उनकी बहू सुमित्रा चौधरी को टिकट दे दिया। टिकट तो घर में रह गया लेकिन इस पार्टी बदलने के खेल में मानो जैसे नंदलाल पूनिया का राजनीतिक करियर खत्म हो गया। वे चूरू जिले से कांग्रेस पार्टी में 1971 से सक्रिय हैं। दो बार विधायक, दो बार सरपंच, दो बार पंचायत समिति प्रधान, जिला संयोजक जैसे कई पदों पर वह रह चुके हैं। पार्टी से इतना कुछ लेने के बाद भी फिर से टिकट की मांग कर रहे थे। उनका टिकट कट गया तो उन्होनें अब भाजपा का रूख कर लिया था।