सार

राजस्थान में एक बार फिर कांग्रेस नेता सचिन पायलट के अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयान देते नजर आए। 2008 बम ब्लास्ट केस में आरोपियों को रिहाई मिलने के बाद गृह मंत्रालय की बताई लापरवाही। सही से काम नहीं करने वाले पुलिस के खिलाफ एक्शन लेने की कही बात।

जयपुर (jaipur news). 13 मई 2008 को जयपुर में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किए गए चार युवकों को हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। लोअर कोर्ट ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने इस सजा को माफ कर दिया है। 15 साल के बाद हाईकोर्ट के इस फैसले के आने पर अब राजस्थान की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया वैसे ही मुख्यमंत्री गहलोत को इस मामले में लगातार खींच रहे हैं। अब पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बयान बाजी कर डाली है।

आरोपियों की रिहाई में बताई प्रदेश गृह विभाग की कमी

आज मीडिया से बातचीत के दौरान सचिन पायलट ने कहा कि धमाके हुए हैं, यह सब को दिख रहा है। यह धमाके कौन कर गया यह किसी को पता नहीं। बहुत ही बेज्जती वाली बात है। उन्होंने कहा कि इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ तुरंत प्रभाव से एक्शन होना चाहिए। सचिन पायलट ने कहा कि यह गृह विभाग की खामी है । गृह विभाग के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया, इस कारण अपर कोर्ट ने सरकार को धूल चटा दी। दरअसल गृह विभाग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास ही है । उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी सचिन पायलट लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बयान बाजी करते रहे हैं । फिर चाहे वह पार्टी का कार्यक्रम हो या निजी जिंदगी का मामला हो।

निजी डॉक्टरों की हड़ताल पर रखी अपनी बात

सचिन पायलट ने राजस्थान में चल रही निजी डॉक्टरों की हड़ताल के बारे में भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि दोनों ही पक्ष अडियल है। दोनों ही पक्षों को बैठकर यह मामला सुलझाना होगा । दोनों पक्षों में एक पक्ष चिकित्सकों का है और दूसरा पक्ष सरकार का है। इस मामले में भी सरकार के खिलाफ उन्होंने बयान बाजी करने से परहेज नहीं किया है।

4 सालों से जारी है पायलट- गहलोत में खींचतान

पिछले 4 साल के दौरान सचिन पायलट लगातार सरकार के खिलाफ बयान देते रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी लगातार उनके बयान बाजी के खिलाफ कड़े बयान देते रहे हैं। दोनों की खींचतान सोनिया गांधी तक पहुंच चुकी है। दोनों की खींचतान अब भी जारी है और इसी खींचतान को कम करने के लिए पार्टी के राजस्थान के नए प्रभारी रंधावा भी लगातार प्रयास कर रहे हैं।

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