सार
राजस्थान में सीएम गहलोत के लिए हर नया दिन कोई ना कोई परेशानी लेकर आता है। आज सुबह जहां किसी तरह डॉक्टरों का मुद्दा शांत कराया वहीं 2008 बम ब्लास्ट मामले में सरकार की ढिलाई बरतने के चलते विपक्ष ने किया घेराव। बीजेपी ने कई जिलों में किए प्रदर्शन।
जयपुर (jaipur news). चुनावी साल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए हर नया दिन कोई ना कोई परेशानी लेकर आता है। कल भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ प्रदर्शन किया था और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आड़े हाथों लिया था। आज यह प्रदर्शन जयपुर से निकलकर प्रदेश के हर जिले में हो रहा है। मामला जयपुर बम ब्लास्ट का है।
ब्लास्ट आरोपियों को मिली जमानत
दरअसल जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपी जिन्हें निचली अदालत ने फांसी की सजा सुना दी थी। उनको राजस्थान हाई कोर्ट से राहत मिल गई है। अब वह अपनी जमानत की तैयारी कर रहे हैं । लेकिन इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तुष्टीकरण के आरोप लगाए हैं और इन्हीं आरोपों को लेकर आज यानी मंगलवार को जयपुर समेत प्रदेश के हर जिले में धरने प्रदर्शन हो रहे हैं । भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता जिलों में भाजपा कार्यालयों के बाहर धरने प्रदर्शन कर रहे हैं और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं राजस्थान सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं ।
काबिल वकील हायर नहीं करने पर विपक्ष ने घेरा
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कल यहां तक कहा था कि अगर सरकार के पास पैसा नहीं है तो भारतीय जनता पार्टी अपने स्तर पर आरोपी पक्ष के खिलाफ बड़े वकील लाने की तैयारी कर सकती है। दरअसल मुख्यमंत्री पर यह आरोप लगे कि उनकी ओर से जो वकील पेश हुए उन्होंने सरकार का पक्ष मजबूती से नहीं रखा।
आरोपियों ने बुलाए सुप्रीम कोर्ट के वकील
जबकि आरोपी पक्ष ने 18 बड़े वकील पैरवी के लिए बुलाए इनमें से अधिकतर वकील सुप्रीम कोर्ट के थे। उन्होंने सरकार के वकीलों को पैरवी के दौरान इतना घेर लिया कि वे कुछ नहीं कर सके। हालांकि मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद राजस्थान सरकार इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी और वह लोग सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। लेकिन राजस्थान की जनता से अन्याय नहीं होने देंगे।
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि 13 मई 2008 को जयपुर में 7 बम धमाके हुए थे। जिनमें 70 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे । राजस्थान एटीएस ने इस धमाके के चार-पांच महीने बाद ही 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था । उनमें से एक को बरी कर दिया गया था। लेकिन बाकी चार को सेशन कोर्ट में फांसी की सजा सुनाई थी। इस सजा के खिलाफ उन्होंने अपील की थी और पिछले महीने 28 मार्च को हाईकोर्ट ने चारों आरोपियों को राहत दी थी। अब उन्हें फांसी नहीं दी जाएगी।