सार
भ्रष्टाचार के खिलाफ पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने जन संघर्ष यात्रा पूरी करते ही फिर एक बार हुंकार भरी। गहलोत सरकार को 3 मांगे पूरी करने का 15 दिन का समय दिया है। यदि वे इन मांगों को नहीं मानी तो अब और बड़े आंदोलन की तैयारी में पायलट एंड कंपनी।
जयपुर (jaipur news). भ्रष्टाचार के खिलाफ सचिन पायलट 5 दिन की जन संघर्ष यात्रा पर थे। जिसका सोमवार 15 मई को पांचवा और अंतिम दिन है। अजमेर से शुरू हुई यात्रा सोमवार के दिन जयपुर में समाप्त हुई। सचिन पायलट का स्वागत करने के लिए उन से ताल्लुक रखने वाले कई विधायक, नेता और हजारों की संख्या में उनके समर्थक मौजूद रहे।
तीन मांगों को लेकर दिया 15 दिन का अल्टीमेटम
सचिन पायलट ने जयपुर में पहुंचने के बाद जन सभा मंच से अपनी सरकार को फिर से ललकारा, उन्होंने कहा कि हम सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम देते हैं। अगर 15 दिन में सरकार हमारी यह तीन मांगे नहीं मानती है तो इस बार और बड़ा आंदोलन और जन संघर्ष यात्रा की जाएगी।
ये है तीन मांगे जो पायलट ने रखी है
दरअसल पायलट ने अशोक गहलोत सरकार से मांग की है कि अगर सरकार 15 दिन के अंदर-अंदर आरपीएससी को पूरी तरह बंद करके उसका पुनर्गठन नहीं करती है एवं पेपर लीक से प्रभावित छात्रों को मुआवजा नहीं देती है तथा वसुंधरा राजे के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच नहीं करती है, तो ऐसे में सचिन पायलट और उनकी टीम बड़ा आंदोलन करेगी। सचिन पायलट सोमवार को जयपुर शहर के अजमेर रोड स्थित कमला नेहरू नगर के तरु छाया क्षेत्र में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। पायलट के समर्थकों ने सोमवार तरु छाया नगर में जनसभा का आयोजन किया और इस आयोजन में सचिन पायलट दोपहर में पहुंचे।
पायलट ने अपने भाषण से युवाओं में भरा जोश
उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार को फिर से ललकारा और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने के लिए अल्टीमेटम दिया। सचिन पायलट का स्वागत करने के लिए उन से ताल्लुक रखने वाले 15 विधायक नेता और अन्य कार्यकर्ता पहुंचे थे । पायलट ने मंच से ऐसा भाषण दिया कि युवाओं में जोश भर गया। पायलट बोले कि मैं कांग्रेस में किसी भी पद पर रहूं या ना रहूं, लेकिन अंतिम सांस तक जनता की सेवा करता रहूंगा। पायलट के इस बयान के बाद जनसभा में उनके समर्थकों ने समर्थन में तगड़ा शोर मचाया और हूटिंग की।
इसे भी पढे़ं- सचिन पायलट की यात्रा के बीच कांग्रेस को राजस्थान में बड़ा झटका, एक सर्वे के बाद सियासी गलियारों में मची हलचल