सार

जयपुर के आदर्श नगर में इस बार 105 फीट के रावण का दहन होगा, जिसे मथुरा का मुस्लिम परिवार बना रहा है। रावण के 9 सामान्य सिरों में एक गधे का सिर होता है, जो कुबुद्धि का प्रतीक है।

जयपुर। देश में 12 अक्टूबर को दशहरे का पर्व मनाया जाएगा। राजधानी जयपुर में भी इस बार दशहरे को लेकर काफी क्रेज है। वैसे तो राजधानी जयपुर में करीब 50 से ज्यादा स्थानों पर रावण दहन किया जाता है। लेकिन जयपुर में आदर्श नगर में मनाया जाने वाला दशहरे का पर्व सबसे ज्यादा खास होता है।

रिमोट कंट्रोल से होगा रावण दहन

इस बार यहां 105 फीट के रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। तकनीकी और रिमोट कंट्रोल के जरिए यह दहन होगा। इस दौरान आतिशबाजी भी होगी। लेकिन यहां रावण के पुतले की सबसे खास बात तो यह होती है कि यहां पर रावण के 9 सिर तो तो सामान्य होते हैं लेकिन एक सिर गधे का होता है जो उसके मुकुट के पास होता है। माना जाता है कि जब रावण ने मां सीता का हरण किया उस वक्त उसकी बुद्धि कुबुद्धि हो गई थी। ऐसे में प्रतीकात्मक तौर पर यह गधे का सिर लगाया जाता है।

यहां आशीर्वाद लेने आते हैं नवविवाहित जोड़े

रावण दहन के दौरान यहां नवविवाहित जोड़े और नवजात शिशु को भी आशीर्वाद दिलाने के लिए लाया जाता है। यहां पर रावण का पुतला तैयार करने का काम मथुरा का एक मुस्लिम परिवार पिछली पांच पीढ़ियों से करता आ रहा है। जन्माष्टमी के बाद से ही वह अपना काम शुरू कर देते हैं।

दो महीने में तैयार होता है रावण का पुतला, नॉनवेज खाने पर बैन

2 महीने में रावण का पुतला तैयार होता है। इसे तैयार करने वाले चांद बाबू बताते हैं कि उनके दादा और परदादा ने सबसे पहले यहां आकर 20 फीट का रावण बनाने से शुरुआत की थी। तब से उनके परिवार के द्वारा यहां पर रावण का पुतला बनाने की परंपरा चली आ रही है। वैसे तो परिवार का मुख्य रोजगार कपड़े की सिलाई करना है लेकिन राजधानी जयपुर में हर साल दशहरे के दो महीने पहले वह आ जाते हैं और इस रावण के पुतले को तैयार करते हैं। जब तक वह पुतले को तैयार करते हैं उस दौरान नॉनवेज भी नहीं खाते।

 

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