सार
हाईकोर्ट ने आज पत्नी को जिंदा जलाने के आरोप में 12 साल से सजा काट रहे युवक को जांच के बाद निर्दोष करार दिया है। हाईकोर्ट ने मामले में युवक को निर्दोष पाया। हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए सरकार से युवक को 25 लाख मुआवजा देने के आदेश दिए।
जयपुर। राजधानी जयपुर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। एक युवक अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में 12 साल जेल में रहा। निचली अदालतों से होता हुआ मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। हाईकोर्ट ने तथ्यों को गंभीरता से जांचा तो पता चला कि जिसे हत्या का दोषी मानकर उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी वह तो निर्दोष है। लेकिन उसे खुद को निर्दोष साबित होने में पूरे 12 साल लग गए।
हाईकोर्ट ने की सरकार पर सख्त टिप्पणी
अब हाईकोर्ट ने सरकार के खिलाफ सख्त टिप्पणी की है और कहा है कि जिस आदमी ने अपनी पत्नी खो दी, बच्चे को नहीं मिल सका, उसे ही दोषी बना दिया। अब उसे सरकार 25 लाख रुपए का मुआवजा जारी करे और तुरंत उसे जेल से रिहा करे। यह पूरा मामला जयपुर के गलता गेट क्षेत्र का है।
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2011 में युवक पर पत्नी को जलाकर मारने का था आरोप
गलता गेट इलाके में रहने वाले इकबाल की पत्नी की साल मई 2011 में जलने से मौत हो गई थी। पत्नी के परिवार की रिपोर्ट पर पुलिस ने इकबाल को ही आरोपी बना दिया। पुलिस ने साबित कर दिया। कहा कि उसने ही अपनी पत्नी को मारा है। उसे जेल भेज दिया गया। केस चला तो महिला उत्पीड़न कोर्ट ने मई 2016 में इकबाल को उम्रकैद की सजा सुना दी। इसके बाद इकबाल के परिवार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
25 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश
हाईकोर्ट में कई सुनवाई के बाद अब जस्टिस पंकज भंडारी ने तमाम सबूतों के आधार पर इकबाल के पक्ष में फैसला सुनाया है। लेकिन इकबाल का पक्ष सही साबित होने में बारह साल लग गए। कोर्ट ने कहा कि एक तो पीड़ित ने अपनी पत्नी को खो दिया। वह अपने तीन बच्चों से दूर हो गया। उसके बच्चे मां-बाप के बिना भटकते रहे। और उसे ही दोषी बना दिया गया। कोर्ट ने इकबाल को बरी कर दिया है। सरकार को आदेश दिया है कि उसे 25 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए।