कोटा. बच्चों में मां-बाप की जान बसी होती है। अगर बच्चे को खरोंच भी आ जाए तो किसी भी माता-पिता की सांसे अटक जाती हैं। पर क्या हो अगर एक बेबस और मजबूर पेरेंट्स को अपने मासूम को दिन-रात बिस्तर मौत और जिंदगी से लड़ते देखना पड़े। राजस्थान के कोटा में एक 7 साल का बच्चा कैंसर की बीमारी में मात्र हड्डियों का ढांचा भर रह गया है। बेटे को कंकाल बनते देख मां हर रोज अस्पताल में उसके पास बैठ बिलख-बिलखकर रोती रहती है।