सार

राजस्थान के चूरू जिले के एक युवक ने डॉक्टरी की पढ़ाई छोड़कर खेती करने का फैसला किया और आज वह हर साल करोड़ों रुपए कमा रहा है। संदीप चौधरी नामक इस युवक ने एलोवेरा और औषधीय पौधों की खेती करके यह सफलता हासिल की है।

चुरू। हमेशा से माना जाता है कि डॉक्टर या इंजीनियर बनकर आदमी अच्छी सैलरी ले सकता है, लेकिन राजस्थान के चूरू जिले के रहने वाले एक लड़के ने डॉक्टरी की पढ़ाई करने की बजाय खेती करने का डिसीजन लिया। जो अब हर साल करोड़ों रुपए की कमाई कर रहा है।

मां-बाप ने मेडिकल की तैयारी के लिए कोचिंग में कराया दाखिला

हम बात कर रहे हैं राजस्थान के चुरू जिले के छोटे से गांव ढाढर के रहने वाले संदीप चौधरी की। संदीप को 12वीं परीक्षा पास करने के बाद घरवालों ने मेडिकल की तैयारी करने के लिए कोचिंग में छोड़ दिया। एग्जाम पास करने के बाद उसे कॉलेज मिल गया और उसने मेडिकल की पढ़ाई करना शुरू कर दिया।

बेटे ने बीच में ही पढ़ाई छोड़ शुरू कर दी इन फसलों की खेती

लेकिन इसी बीच संदीप का मन बदल गया और उसने खेती करना शुरू किया। उसने करीब 450 बीघा एरिया में एलोवेरा सहित 84 औषधीय पौधों की खेती कर रखी है। जिनसे वह हर साल करोड़ों रुपए की कमाई कर रहे हैं। एलोवेरा के अलावा वह अश्वगंधा, गिलोय आदि की भी खेती कर रहे हैं।

सालाना करोड़ों हैं संदीप की कमाई

संदीप बताते हैं कि यदि उन्हें अपनी उपज का अच्छा दाम नहीं मिलता है तो वह अपने स्तर पर उससे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट तैयार कर लेते हैं और फिर उन्हें मार्केट में बेचते हैं, जिससे उन्हें मोटा मुनाफा मिल जाता है। संदीप बताते हैं कि 40 बीघा जमीन में सालाना 12 लाख का मुनाफा होता है।

संदीप ने अब शुरू की है सेब की खेती

संदीप ने वर्तमान में सेब की खेती भी की हुई है। अभी देखना होगा कि पहले उपज कैसी रहती है। यदि पहली उपज ठीक रही तो संदीप बड़े पैमाने पर सेब की खेती करना भी शुरू कर देंगे। संदीप के खेती के प्रति इस जज्बे को देखते हुए आज अन्य किसान भी मोटिवेट होकर उनकी तरह ही खेती की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं।

भौगोलिक परिस्थितयों को चुनौती देकर हासिल किया ये मुकाम

संदीप बताते हैं कि चूरू में भौगोलिक परिस्थितियों के बीच खेती करना एक चुनौती का काम होता है, क्योंकि राजस्थान में गर्मियों के मौसम में यहां टेंप्रेचर 50 डिग्री के करीब पहुंच जाता है तो वहीं सर्दियों में -5 डिग्री तक टेंप्रेचर चला जाता है। वही यहां के पानी में फ्लोराइड की मात्रा भी सबसे ज्यादा है। इसलिए 3 तरीके की मिट्टी यूज करके खेती का काम करना पड़ता है।संदीप ने इसे अपने दृढ़ निश्चय से संभव बनाया। उनके खेती के प्रति समर्पण ने न केवल उन्हें सफलता दिलाई, बल्कि अन्य किसानों को भी प्रेरित किया है।

 

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