सार

राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित 950 साल पुराना गुप्तेश्वर महादेव मंदिर एक 135 फीट लंबी गुफा के अंदर है। सावन के महीने में भक्त यहां भगवान शिव के स्वयंभू शिवलिंग की पूजा करने के लिए आते हैं।

राजसमंद. सावन का पवित्र महीना चल रहा है। इस दौरान लाखों भक्त अपने आराध्य भगवान शिव की पूजा करने के लिए मंदिरों में घंटों लाइन में लगे रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं राजस्थान में एक ऐसा मंदिर भी है, जहां भगवान शिव का स्वयंभू शिवलिंग है। जो 135 फीट लंबी गुफा के अंदर बना हुआ है। यहां सोमवार को काफी भीड़ रहती है। यह राजसमंद जिले में है। केवल सोमवार ही नहीं बल्कि सावन महीने के हर दिन यहां सुबह से शाम तक ही श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। 950 साल पुराने इस मंदिर का नाम गुप्तेश्वर महादेव है। यहां शिवलिंग तक जाने के लिए एक 135 फीट लंबी गुफा से होकर जाना पड़ता है जो काफी संकरी है।

महाराणा रायसिंह ने करवाया था इस मंदिर का निमार्ण

बताया जाता है कि यह मंदिर राजस्थान के सबसे पुराने शिव मंदिर में से एक है। जिसका निर्माण महाराणा रायसिंह ने करवाया। 611 साल तक तो पहचान बालेश्वर महादेव के नाम पर हुई। इसके बाद नाम में परिवर्तन भी किया गया। आपको बता दे कि इसी मंदिर से हर साल दो कावड़ यात्रा निकाली जाती है जिनमें से एक तो रामेश्वर महादेव और दूसरी कुंभलगढ़ स्थित परशुराम महादेव मंदिर जाती है।

भीषण गर्मी में भी इस मंदिर के अंदर लगती है ठंड

मंदिर के पुजारी बताते हैं कि भगवान शिव के भक्त यहां पर दूध और जल से अभिषेक करने के लिए आते हैं। वही इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि चाहे कितनी ही गर्मी क्यों ना हो लेकिन भीषण गर्मी में भी यदि इस शिवलिंग की तरफ जाने वाली गुफा में चलते हैं तो ऐसा लगता है मानो किसी ठंडी जगह पर आ गए हो। मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई विकास कार्य करवाए जाते हैं लेकिन यह गुफा आज भी अपने पुराने स्वरूप में ही है।

 

ऐसा पहला शिव मंदिर, जहां भवगान के शिवलिंग नहीं, अंगूठे की होती है पूजा