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CCTV में दफ्तर की अलमारी में रिश्वत की रकम रखते पकड़ा गया अफसर, दिखने में लो प्रोफाइल, घर में AC तक नहीं, कार भी पुरानी
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जयपुर. जिस दिन भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 के नोटों को बंद करने का ऐलान किया था, उसी 19 मई को जयपुर के योजना भवन के इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के बेसमेंट से करीब 2.31 करोड़ रुपए नगद और 1 किलो सोना मिलने की खबर आग की तरह फैलती चली गई थी। जांच में सामने आया कि यह पैसा DOIT(सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग) के सस्पेंडेड जॉइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव का था। यह 2 प्रतिशत कमीशन से हड़पी गई रकम थी। यादव टेंडरों को पास करने के एवज में ठेकदारों से यह पैसा लेते थे।
योजना भवन के बेसमेंट में लगे CCTV जब खंगाले गए तो वेद प्रकाश यादव अलमारी में पैसों से भरा बैग रखते दिख गए। अलमारी से करीब 2.31 करोड़ रुपए और 1 किलो सोने का बिस्किट मिला था।
जांच में सामने आया कि वेद प्रकाश यादव रिश्वत के पैसों से अपने बेटों और दो बेटियों की हाई एजुकेशन करा रहे थे। उनकी बड़ी बेटी ऋतू यादव ने पुणे से फैशन डिजाइनिंग में डिप्लोमा किया है। छोटी बेटी बरखा यादव बीकॉम ऑनर्स व पीजी डिप्लोमा इन मार्केटिंग कर चुकी है। बेटा आकाश यादव जेईसीआर से बीबीए कर रहा है।
हैरानी की बात यह है कि यादव लोगों की नजरों से बचने साधारण जीवन जी रहे थे। यानी उनके अशोक विहार कॉलोनी स्थित घर में AC तक नहीं था। कार भी वे पुरानी ही यूज करते हैं।
यादव ने 1994 में DOIT में सहायक प्रोग्रामर की पोस्ट पर जॉइन किया था। 2020 में प्रमोशन पाकर वे जॉइंट डायरेक्टर बने। 20 साल से वे स्टोर इंचार्ज का भी चार्ज संभाल रहे थे। कमाई का जरिया यही था।
इस मामले का खुलासा ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीफ सेक्रेट्री ऊषा शर्मा और DGP उमेश मिश्रा ने किया था, तो लोग चौंक पड़े। कॉन्फ्रेंस में पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव भी मौजूद थे।
अफसरों ने बताया कि योजना भवन के बेसमेंट में लैपटॉप बैग और ट्रॉली बैग में 2 करोड़ 31 लाख 49 हजार 500 रुपए बरामद हुए। ये 2000 और 500 के नोट में हैं।