सार

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने संसद में संभल हिंसा का मुद्दा उठाया और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने घटना को सोची-समझी साजिश बताया और जिम्मेदार अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा चलाने की मांग की।

दिल्ली | बीते दिनों संभल में हुई हिंसा की गर्माहट अब संसद तक पहुंच चुकी है। शीतकालीन सत्र के दौरान सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पूरी तैयारी के साथ संसद पहुंचे और मुद्दे को गंभीरता से उठाया।

अखिलेश यादव ने पहले संसद में जोरदार भाषण दिया, जिसमें उन्होंने हिंसा की घटना पर गंभीर सवाल उठाए। इसके बाद, उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए पुलिस प्रशासन पर तीखा हमला किया और संभल में हुई हिंसा को सोची-समझी साजिश करार दिया। साथ ही, जिम्मेदार पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को निलंबित करने और उन पर हत्या का मुकदमा चलाए जाने की मांग की।

अखिलेश ने बताया कैसे हुई संभल घटना

अपने भाषण के दौरान अखिलेश यादव ने पूरी संभल हिंसा का विवरण दिया और बताया कि आखिर संभल हिंसा कैसे हुई। अखिलेश ने कहा, "संभल के जिलाधिकारी आदेश को पढ़े बिना दो घंटे के अंदर ही जामा मस्जिद पहुंच गए। ढाई घंटे में सर्वे का काम पूरा हो गया। लेकिन, 22 नवंबर को जब लोग जुमे की नमाज पढ़ने के लिए पहुंचे तो वहां पुलिस बैरिकेडिंग थी। 23 नवंबर को फिर कहा गया कि 24 को दोबारा सर्वे कराया जाएगा। 24 तारीख को जिलाधिकारी सुबह ही आ गए। सर्किल ऑफिसर ने वहां के लोगों के साथ गाली-गलौज की और बाद में गोली भी चलाई। इस गोलीबारी में 5 मासूमों की मौत हो गई। इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी है। पुलिस प्रशासन पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।"

"गालियां मैं नहीं दे सकता हूं" - अखिलेश

मीडिया से हो रहे सवाल-जवाब के दौरान अखिलेश ने संभल हिंसा में पुलिस प्रशासन के व्यवहार और भाषा पर भी सवाल उठाए। अखिलेश ने कहा, “संभल में पुलिस ने गाली-गलौज की। वह गालियां मैं नहीं दे सकता हूं जो पुलिस ने दी। अगर मैं वो गालियां दूं, तो वह unparliamentary भाषा होगी।”

 


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