अयोध्या में सीएम योगी और निर्मला सीतारमण ने बृहस्पति कुंड में दक्षिण भारतीय संतों की मूर्तियों का अनावरण किया। क्या छुपा है इस सांस्कृतिक संगम और भक्ति दौरे के पीछे? जानें अनोखी भक्ति और संगीत की रहस्यमयी कहानी।
Ayodhya Cultural Renaissance: अयोध्या बुधवार को फिर से भक्तिमय और सांस्कृतिक वातावरण से गूंज उठी। इस पावन अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिलकर बृहस्पति कुंड का दौरा किया। इस दौरे की सबसे खास बात थी दक्षिण भारत के तीन महान संगीत संतों त्यागराज स्वामीगल, पुरंदर दास और अरुणाचल कवि की मूर्तियों का भव्य अनावरण। यह दौरा केवल दर्शन-पूजन तक सीमित नहीं था, बल्कि उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक एकता और भक्ति का प्रतीक भी था। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अयोध्या अब सिर्फ आध्यात्मिक नगरी नहीं रह गई, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण का केंद्र बन रही है।
भक्ति और संगीत की लहरों का संगम
टेढ़ी बाजार स्थित बृहस्पति कुंड का वातावरण उस समय भक्तिरस और संगीत की मधुर छटा से सरोबार हो गया, जब केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने दक्षिण भारतीय परंपरा के अनुसार पूजा-अर्चना कर मूर्तियों का अनावरण किया। निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह स्थल केवल धार्मिक महत्व नहीं रखता, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय वित्त मंत्री का पुष्पगुच्छ भेंट कर पारंपरिक अयोध्या शैली में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि बृहस्पति कुंड केवल एक ऐतिहासिक स्थल नहीं, बल्कि उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक है, जहां भक्ति और संगीत की अनोखी छटा देखने को मिलती है।
कौन हैं वो तीन संत, जिनके योगदान को किया नमन?
निर्मला सीतारमण ने बताया कि त्यागराज स्वामीगल, पुरंदर दास और अरुणाचल कवि ने भारतीय शास्त्रीय संगीत और भक्ति परंपरा को विश्व स्तर पर स्थापित किया। उनके काव्य और रचनाओं ने समाज में प्रेम, भक्ति और एकता के सूत्र को मजबूत किया। इस मौके पर उनके योगदान को याद करते हुए लोगों ने तीनों संतों को श्रद्धांजलि दी।
उत्तर-दक्षिण सांस्कृतिक संगम का नया आयाम
निर्मला सीतारमण ने कहा कि अयोध्या और कर्नाटक के सांस्कृतिक संबंध सदियों से चले आ रहे हैं। इस दौरे के जरिए उत्तर और दक्षिण भारतीय परंपरा को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया गया। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अयोध्या अब सांस्कृतिक पुनर्जागरण की धुरी बन रही है, और इस दौरे से भारत की सांस्कृतिक समरसता को मजबूत संदेश गया।
बृहस्पति कुंड की शांति और सौंदर्य
बृहस्पति कुंड परिसर में पत्थर की सुंदर बेंचों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह कुछ देर के लिए विराम लेकर परिसर की शांति और सौंदर्य का आनंद लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बृहस्पति कुंड अब श्रद्धा और सौंदर्य का आदर्श संगम बन चुका है।
अनोखी भक्ति, संगीत और सांस्कृतिक छटा
इस दौरे ने अयोध्या में भक्ति और संगीत के अनोखे संगम को सामने लाया। यह केवल मंदिर दौरा नहीं था, बल्कि उत्तर-दक्षिण सांस्कृतिक संबंधों और भारतीय संगीत विरासत को उजागर करने वाला ऐतिहासिक पल भी था।
