अयोध्या में दीपोत्सव 2025 को लेकर जबरदस्त उत्साह। इस बार 2000 कलाकार करेंगे अद्भुत मंचन, 22 झांकियों की शोभायात्रा निकलेगी। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर स्थानीय कलाकारों को पहली बार मिलेगा बड़ा मंच, रामनगरी गूंजेगी अवधी-भोजपुरी भजनों से।
अयोध्या, 15 अक्टूबर। दीपों की रोशनी से जगमगाती अयोध्या इस बार और भी भव्यता का दर्शन कराएगी। दीपोत्सव 2025 को लेकर नगर में अपार उत्साह है। इस वर्ष का आयोजन हजारों दीपों की ज्योति के साथ हजारों कलाकारों की सांस्कृतिक अभिव्यक्ति से भरा होगा। रामनगरी के हर कोने में भक्ति और लोक संस्कृति का संगम देखने को मिलेगा।
दो हजार कलाकार करेंगे अद्भुत मंचन
दीपोत्सव में इस बार करीब 2000 कलाकार अपनी कला का अद्भुत प्रदर्शन करेंगे। इनमें उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों के 500 कलाकार और अयोध्या के 300 स्थानीय कलाकार शामिल होंगे। संगीत, नृत्य और नाट्य प्रदर्शन से यह आयोजन केवल धार्मिक भावना ही नहीं, बल्कि लोकसंस्कृति की जीवंत मिसाल भी प्रस्तुत करेगा।
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योगी सरकार का जोर, स्थानीय कलाकारों को बड़ा मंच
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस बार महोत्सव में स्थानीय कलाकारों को व्यापक भागीदारी का अवसर दिया गया है। इससे न केवल क्षेत्रीय प्रतिभाओं को मंच मिलेगा, बल्कि अयोध्या के सांस्कृतिक गौरव को भी नई पहचान मिलेगी।
सात छोटे, तीन मध्यम और एक वृहद मंच पर गूंजेगी रामकथा
- अयोध्या अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के सलाहकार और विशेष कार्याधिकारी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि इस वर्ष एक वृहद मंच, तीन मध्यम मंच और सात छोटे मंच तैयार किए जा रहे हैं।
- राम कथा पार्क में मुख्य मंच स्थापित होगा।
- बड़ी देवकाली, तुलसी उद्यान और गुप्तार घाट पर मध्यम मंच होंगे।
- सात छोटे मंचों पर लोकगायन, पारंपरिक नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियाँ होंगी।
इन सभी मंचों से श्रद्धालुओं को भक्ति, संगीत और परंपरा का अद्भुत अनुभव मिलेगा।
अवधी और भोजपुरी सुरों पर झूमेगी रामनगरी
कलाकार अवधी और भोजपुरी भजनों के साथ लोक वाद्ययंत्रों पर ऐसी प्रस्तुतियाँ देंगे, जो श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर देंगी। भारत की लोकध्वनियों और शास्त्रीय रंगों के मेल से अयोध्या दीपोत्सव 2025 एक आध्यात्मिक संगीत महोत्सव का रूप ले लेगा।
झांकियों में दिखेंगे रामायण के जीवंत प्रसंग
आयोजन के दौरान 22 भव्य झांकियाँ निकाली जाएंगी। इनके आगे और पीछे कलाकार अपनी कला का जीवंत प्रदर्शन करेंगे। प्रत्येक झांकी में रामायण के प्रमुख प्रसंगों की दिव्य झलक देखने को मिलेगी। यह शोभायात्रा श्रद्धालुओं के लिए आस्था और आनंद का अविस्मरणीय क्षण बनेगी।
अयोध्या में संस्कृति और आस्था का विराट संगम
दीपोत्सव 2025 में अयोध्या केवल भक्ति की नहीं, बल्कि सांस्कृतिक एकता की राजधानी बन जाएगी। अवधी, भोजपुरी, ब्रज और फगुआ की लहरियाँ जब मंदिरों की घंटियों के साथ मिलेंगी, तब रामनगरी अपने सनातन स्वरूप में झिलमिलाती नज़र आएगी।
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