अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शौर्य, वैभव और विकास की बात कही। राम मंदिर, अयोध्या विकास, 45 करोड़ श्रद्धालु और सनातन धर्म से जुड़े बड़े बयान।
आस्था, संघर्ष और संकल्प की त्रिवेणी अयोध्या एक बार फिर इतिहास के साक्षी क्षण की गवाह बनी, जब श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाई गई। इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति ने समारोह को ऐतिहासिक स्वरूप दे दिया। मुख्यमंत्री ने अंग्रेजी नववर्ष 2026 की शुभकामनाएं देते हुए प्रार्थना की कि आने वाला वर्ष देश और समाज के लिए मंगलकारी सिद्ध हो।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि अयोध्या का नाम आते ही शौर्य, वैभव और पराक्रम का बोध होता है। यह वह भूमि है, जहां कभी युद्ध नहीं हुआ और कोई भी दुश्मन यहां के तेज के आगे टिक नहीं पाया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने स्वार्थ, मजहबी जुनून और सत्ता के तुष्टिकरण की निकृष्ट राजनीति के चलते इस पवित्र नगरी को उपद्रव और संघर्ष का अड्डा बनाने का प्रयास किया, लेकिन सत्य और आस्था की विजय अंततः सुनिश्चित रही।
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पिछली सरकारों के दौर में हुए आतंकी हमले
मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस अयोध्या में कभी संघर्ष नहीं होता था, वहां उनके शासनकाल में आतंकी हमले तक हुए। 2005 की घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकियों ने दुस्साहस किया, लेकिन पीएसी के जवानों ने तत्काल कार्रवाई कर उन्हें ढेर कर दिया। उन्होंने कहा कि जहां प्रभु श्रीराम की कृपा और हनुमानगढ़ी में हनुमान जी का आशीर्वाद हो, वहां आतंक टिक नहीं सकता।
अयोध्या के लिए अविस्मरणीय तीन तिथियां
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते वर्षों में अयोध्या ने ऐसे ऐतिहासिक क्षण देखे हैं, जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। 5 अगस्त 2020 को पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने अयोध्या आकर श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन किया। 22 जनवरी 2024 को रामलला की भव्य मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न हुई। 25 नवंबर 2025 को विवाह पंचमी के अवसर पर राम मंदिर के मुख्य शिखर पर सनातन धर्म की भगवा ध्वजा की प्रतिष्ठा हुई, जिसने सनातन की अखंड परंपरा का संदेश दिया।
श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में राजनाथ सिंह की अहम भूमिका
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राजनाथ सिंह ने संगठन और शासन दोनों स्तरों पर श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में प्रत्यक्ष भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि 500 वर्षों के बाद रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने का दृश्य आंदोलन से जुड़े हर व्यक्ति के लिए गौरव और भावुकता का क्षण है।
पांच साल में 45 करोड़ श्रद्धालुओं का आगमन
सीएम योगी ने बताया कि 2017 से पहले अयोध्या में मूलभूत सुविधाओं का अभाव था। आज स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। पिछले पांच वर्षों में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं। अयोध्या देश की पहली सोलर सिटी बन चुकी है, यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, रेलवे की डबल लाइन कनेक्टिविटी है और चारों ओर फोरलेन सड़कों का जाल बिछा है।
अब हर जगह बोल सकते हैं जयश्रीराम
गोरक्षपीठाधीश्वर ने कहा कि एक समय जयश्रीराम बोलने पर लाठी और गोली मिलती थी, लेकिन आज पूरे देश में यह उद्घोष सम्मान और गौरव का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने केंद्र सरकार की नई ‘जी राम जी’ योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि यह ग्रामीण रोजगार की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी, जिससे गांवों में ही रोजगार सुनिश्चित होगा।
लाठी और गोली की परवाह किए बिना चला आंदोलन
मुख्यमंत्री ने कहा कि रामभक्तों ने 1528 से लेकर 1992 और उसके बाद तक लगातार संघर्ष किया। सत्ता, दमन, लाठी और गोली की परवाह किए बिना आंदोलन आगे बढ़ता रहा। आरएसएस के नेतृत्व और संत समाज के मार्गदर्शन में यह आंदोलन सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा और गुलामी का कलंक मिटाकर भव्य राम मंदिर का निर्माण संभव हुआ।
यह विराम नहीं, नई यात्रा की शुरुआत
अपने संबोधन के अंत में सीएम योगी ने कहा कि प्राण-प्रतिष्ठा के दो वर्ष पूर्ण होना किसी यात्रा का अंत नहीं, बल्कि नई यात्रा की शुरुआत है। अयोध्या की दिव्यता और भव्यता को अनंत काल तक बनाए रखने के लिए हर सनातन धर्मावलंबी को आगे आना होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए सामूहिक प्रयासों पर बल देते हुए कहा कि यही प्रयास भारत को विश्व की बड़ी शक्ति के रूप में स्थापित करेंगे।
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