सार
बरेली के फरीदपुर इलाके में अशोका फोम फैक्ट्री अग्निकांड में चार कर्मियों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसा इतना भयानक था कि आग की चपेट में आए चार कर्मचारियों के शवों की पहचान करना मुश्किल था। मृतकों के शरीर के सिर्फ अवशेष ही बचे थे।
बरेली (Bareilly News): बरेली के फरीदपुर इलाके में अशोका फोम फैक्ट्री अग्निकांड में चार कर्मियों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसा इतना भयानक था कि आग की चपेट में आए चार कर्मचारियों के शवों की पहचान करना मुश्किल था। मृतकों के शरीर के सिर्फ अवशेष ही बचे थे। मजबूरन परिवार वालों ने आपस में बातचीत कर तय कर लिया कि कौन सा शव उनके परिवार का है। यदि वह लोग ऐसा नहीं करते तो इन शवों लावारिस माना जाता और पुलिस ही उनका अंतिम संस्कार करती।
मृतकों की हड्डियां भी जलकर हो गईं राख
दरअसल, फोम फैक्ट्री में बुधवार रात भीषण आग की चपेट में आने से 4 कर्मचारी जिंदा जल गए। मृतकों के सिर्फ अवशेष मिले। हादसा इतना भयानक था कि मृतकों की हड्डियां भी जलकर राख हो गई थीं। घटना के दूसरे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन चला। अग्निकांड में फैक्ट्री की लोहे की छत धराशायी हो गई थी। बताया जा रहा है कि मलबा हटने मं अभी 2 से 3 दिन लग सकते हैं। हालांकि गैस कटर से लोहे की छत को काटा जा रहा है। मलबे का एक हिस्सा हटाया गया तो उससे 4 शव बरामद हुए हैं। मृतकों के परिवार में कोहराम मचा हुआ है। अभी भी छत के बड़े हिस्से का मलबा हटाया जाना शेष है। हताहतों की संख्या को लेकर तब जाकर तस्वीर साफ हो सकेगी।
इतने कर्मचारी करते थे काम
जानकारी के अनुसार, फैक्ट्री में 43 डेली बेसिस पर काम करने वाले मजदूर कार्यरत थे, जबकि 21 रेगुलर कर्मचारी थे। मलबे को क्रेन की मदद से हटाया जा रहा है। फैक्ट्री प्रबंधन से जुड़े विभोर गोयल का कहना है कि घायलों के इलाज में हर संभव मदद किया जाएगा। आग लगने की वजह अब तक स्पष्ट नहीं हो सकी है। शॅाट सर्किट से आग लगने की संभावना जताई जा रही है। मलबे को हटाने के बाद मिले चार शवों का पोस्टमार्टम भी कराया गया और फिर उन्हें परिजनों को दिया गया। मृतकों में से कुछ ने खाना भी नहीं खा सके थे। उनके टिफिन मौके पर ही पड़े मिले। आपको बता दें कि फरीदपुर इलाके में लखनऊ हाईवे के किनारे अशोक फोम फैक्ट्री में बुधवार शाम आग लग गई थी। आग इतनी भयानक थी कि उसने पूरी फैक्ट्री को अपनी चपेट में ले लिया था।