सार

यूपी निकाय चुनाव को लेकर सभी दलों की तैयारी लगातार जारी है। इस बीच दंगे के आरोपित को टिकट देने के मामले में भाजपा की जमकर फजीहत हुई। हालांकि बाद में सिंबल को रोक दिया गया।

बरेली: कोहाड़ापीर में साल 2010 में हुए दंगे के आरोपित जुनैद अली खान उर्फ लकी शाह को पार्षद प्रत्याशी का टिकट देने के मामले में बीजेपी को फजीहत का सामना करना पड़ा। आखिरकार भाजपा बैकफुट पर आई और सिंबल रोकने के बाद सोमवार को जुनैद का टिकट काट दिया गया। वहीं नामांकन के अंतिम दिन जुनैद ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पर्चा दाखिल किया। जुनैद का फोटो अतीक अहमद के साथ वायरल होने के बाद वह मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं।

दोनों ही प्रत्याशियों पर दर्ज हैं कई केस

आपको बता दें कि रविवार को भाजपा और सपा के द्वारा पार्षद प्रत्याशियों के नाम को लेकर ऐलान किया गया था। इसी कड़ी में भाजपा के द्वारा वार्ड 69 शाहबाद से जुनैद अली खान उर्फ लकी शाह को प्रत्याशी बनाया गया था। जबकि समाजवादी पार्टी ने अब्दुल कय्यूम खां मुन्ना को प्रत्याशी बनाया था। जैसे ही इन दोनों प्रत्याशियों के नामों का ऐलान हुआ तो इनके आपराधिक इतिहास भी खुलकर जनता के सामने आ गए। जुनैत पर 15 प्राथमिकी है। इसी के साथ उस पर एनएसए, गुंडा एक्ट और रेलवे एक्ट के तहत एक्शन हो चुका है। उसकी हिस्ट्रीशीट खोलने को लेकर रिपोर्ट थाना पुलिस ने उच्चाधिकारियों को भी दी।

मामला सामने आने पर तुरंत शुरू हुआ एक्शन

वहीं यह पूरा मामला सामने आने के बाद भाजपा के महानगर अध्यक्ष केएम अरोरा ने सफाई पेश की। उन्होंने सिंबल रोकने के साथ ही प्रदेश नेतृत्व को इस बारे में जानकारी दी। जिसके बाद मामले में डैमेज कंट्रोल शुरू हुआ और उसका टिकट काट दिया गया। वहीं सपा के प्रत्याशी पर कय्यूम खां मुन्ना के खिलाफ भी 16 प्राथमिकी हैं। उस पर गैंगस्टर की कार्रवाई हो चुकी है। हालांकि यह सब सामने आने के बाद भी सपा ने उसका टिकट नहीं रोका। इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों में भी काफी चर्चाएं हो रही हैं। 

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