संस्थापक सप्ताह समारोह-2025 में CM योगी ने आत्मनिर्भर और विकसित भारत पर जोर देते हुए PM मोदी के पंच प्रण को शाश्वत मंत्र बताया। उन्होंने विरासत पर गर्व, गुलामी के अवशेषों का अंत, सेना का सम्मान, सामाजिक एकता को भारत विकास का आधार बताया।
गोरखपुर। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह-2025 के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आत्मनिर्भर और विकसित भारत के विजन पर जोर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए पंच प्रण को देश के लिए शाश्वत मंत्र बताया।
सीएम योगी ने कहा कि 2047 में आजादी के 100 वर्ष पूरे होने पर भारत को विकसित, आत्मनिर्भर, खुशहाल और सौहार्दपूर्ण राष्ट्र बनाना हमारा लक्ष्य है। ऐसा राष्ट्र जहाँ किसी तरह का जातीय, भाषाई या क्षेत्रीय विवाद न हो और कोई भी नागरिक अभाव या आपदा का शिकार न बने।
SDRF उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने किया समारोह का शुभारंभ
मुख्यमंत्री की मौजूदगी में एसडीआरएफ के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने संस्थापक सप्ताह समारोह-2025 का औपचारिक शुभारंभ किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्रतिनिधि और नागरिक मौजूद रहे।
पंच प्रण: भारत के विकास के पाँच मूल स्तंभ
1) विरासत पर गर्व- पूर्वजों और संस्कृति का सम्मान
सीएम योगी ने कहा कि पहला प्रण अपनी विरासत पर गर्व करना है। हर भारतीय को अपने पूर्वजों, संस्कृति और महापुरुषों पर गर्व होना चाहिए। महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोविंद सिंह महाराज, रानी लक्ष्मीबाई, पं. रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, रोशन सिंह जैसे महानायक हमारी गौरवशाली परंपरा के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण भी इस विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
2) गुलामी के सभी चिन्हों का पूर्ण अंत
दूसरा प्रण गुलामी के अवशेषों को समाप्त करना है। सीएम योगी ने कहा कि जब दुनिया अंधकार में थी, तब भारत एक मजबूत शक्ति था।
- 2000 वर्ष पहले दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत का हिस्सा 46% था।
- 400 वर्ष पहले यह 26% रह गया।
- आजादी के समय भारत की आर्थिक हिस्सेदारी मात्र 1.5% रह गई थी।
उन्होंने कहा कि विदेशी आक्रांताओं द्वारा लूट की कीमत आज के समय में लगभग 32–35 ट्रिलियन डॉलर के बराबर होती। आज भारत लगभग 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है। भारत की प्रगति इसलिए संभव हुई क्योंकि हमने अपनी विरासत को अपनाया और गुलामी के अवशेषों को खत्म किया।
3) सैन्य और वर्दीधारी बलों का सम्मान
तीसरा प्रण सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस बल जैसे वर्दीधारी जवानों का सम्मान करना है। सीएम योगी ने कहा कि उनकी सेवाओं व बलिदान के प्रति कृतज्ञता हर नागरिक का कर्तव्य होना चाहिए।
4) सामाजिक एकता और विभाजन से मुक्ति
सीएम योगी ने चौथे प्रण में कहा कि विदेशी आक्रांता इसलिए सफल हुए क्योंकि हमारा समाज जाति, क्षेत्र और भाषा के नाम पर विभाजित था। उन्होंने कहा कि यदि पड़ोस में आग लगी है और हम चुप रहें, तो देर-सवेर उसका प्रभाव हम पर भी पड़ेगा। सामाजिक विद्वेष को रोकना, राष्ट्रीय एकता को मजबूत करना और राष्ट्रीयता को ही अपनी पहली पहचान बनाना आवश्यक है।
5) नागरिक कर्तव्यों का पालन- विकसित भारत की नींव
पाँचवे प्रण में सीएम योगी ने कहा कि हर नागरिक को कानून और अपने कर्तव्यों का पालन समान रूप से करना चाहिए। यदि हम सोचें कि कानून केवल दूसरों पर लागू होगा, हम पर नहीं- तो यही सोच सभी समस्याओं की जड़ बनती है।
उन्होंने कहा कि छात्र, शिक्षक, व्यापारी, जनप्रतिनिधि और हर नागरिक अपने दायित्वों का ईमानदारी से पालन करे, तभी पंच प्रण आत्मनिर्भर और विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा कर सकेंगे।
यदि पूरा देश एक दिशा में काम करे तो 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बनकर उभरेगा।
कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि
समारोह में महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह, कुलपति प्रो. पूनम टंडन, प्रो. जेपी सैनी, प्रो. रविशंकर सिंह, डॉ. सुरेंद्र सिंह, विधायक फतेह बहादुर सिंह, विपिन सिंह, महेंद्र पाल सिंह, इंजीनियर सरवन निषाद, प्रदीप शुक्ला, विधान परिषद सदस्य डॉ. धर्मेंद्र सिंह, रतनपाल सिंह, पूर्व महापौर अंजू चौधरी सहित कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे।


