योगी सरकार के आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश में रोजगार के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया है। बेरोजगारी दर 19% से घटकर 2.4% पहुंची। एमएसएमई, कौशल विकास, महिला रोजगार और जीसीसी नीति 2025 ने राज्य की अर्थव्यवस्था और ग्रामीण जीवन में नई ऊर्जा भरी है।
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में रोजगार क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। पिछले आठ वर्षों में सरकार की दूरदर्शी नीतियों ने प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को नई दिशा दी है। रोजगार के अवसर बढ़े, युवाओं को प्रशिक्षण मिला और उद्योगों को प्रोत्साहन दिया गया। महिलाओं की भागीदारी भी तेजी से बढ़ी है। ग्रामीण जीवन में सुधार स्पष्ट दिखाई देता है, जो मुख्यमंत्री के मजबूत नेतृत्व का परिणाम है।
बेरोजगारी दर में बड़ी गिरावट
प्रदेश सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में बेरोजगारी दर का कम होना शामिल है। पहले जहां बेरोजगारी दर 19% तक पहुंच गई थी, वहीं अब यह घटकर मात्र 2.4% रह गई है। यह बदलाव आर्थिक मजबूती और नीति आधारित विकास मॉडल की सफलता का संकेत है। सरकार की रोजगार नीतियाँ, निवेश बढ़ाने के प्रयास और कौशल विकास कार्यक्रमों ने पूरे प्रदेश में सकारात्मक परिणाम दिए हैं।
GCC नीति 2025 से रोजगार को मिली नई गति
प्रदेश की जीसीसी (GCC) नीति 2025 रोजगार वृद्धि के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है। इस नीति के तहत दो लाख से अधिक नई नौकरियां सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है। वैश्विक कंपनियों के लिए बेहतर माहौल तैयार करने से युवाओं को तकनीकी और उच्चस्तरीय नौकरियों के अवसर तेजी से मिल रहे हैं। इसके साथ ही यूपी रोजगार मिशन ने सिर्फ एक साल में 1.25 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है, जिससे रोजगार सृजन की गति और तेज हुई है।
MSME सेक्टर बना अर्थव्यवस्था की रीढ़
उत्तर प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर सबसे मजबूत रोजगार स्रोत बनकर उभरा है। वर्तमान में प्रदेश में 96 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयाँ चल रही हैं, जिनसे 2 करोड़ से ज्यादा रोजगार उत्पन्न हुए हैं। केवल पिछले एक वर्ष में ही इस क्षेत्र में 18 लाख नए रोजगार सृजित हुए हैं। एमएसएमई ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत आधार देने के साथ-साथ छोटे और मध्यम उद्यमियों के लिए बड़ा अवसर प्रदान कर रहा है।
कौशल विकास मिशन से युवाओं को नया मार्ग
कौशल विकास मिशन ने युवाओं को उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मिशन के अंतर्गत 14 लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया और इनमें से 5.66 लाख युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिला। इससे उद्योगों को स्किल्ड मैनपावर मिला और बड़ी संख्या में युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार प्राप्त हुआ।
महिला रोजगार में बड़ी वृद्धि, बदलती सामाजिक तस्वीर
महिला रोजगार में बढ़ोतरी प्रदेश के सामाजिक परिवर्तन की मजबूत मिसाल बनकर सामने आई है। औद्योगिक रोजगार में महिलाओं की भागीदारी 25% तक पहुंच चुकी है। इससे परिवारों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है, जेंडर समानता बढ़ी है और महिलाओं का सामाजिक सशक्तिकरण तेजी से हुआ है।
रोजगार महाकुंभ और वित्तीय योजनाओं से बढ़ी पारदर्शिता
रोजगार महाकुंभ 2025 और विभिन्न सरकारी वित्तीय योजनाओं ने युवाओं को न केवल रोजगार दिया, बल्कि उन्हें न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा की गारंटी भी मिली। इससे रोजगार बाजार में पारदर्शिता, अवसर और स्थिरता बढ़ी है। उद्योगों और कार्यबल के बीच बेहतर संतुलन कायम हुआ है।
ग्रामीण जीवन स्तर में सुधार
इन प्रयासों का सबसे सकारात्मक असर ग्रामीण क्षेत्रों में दिख रहा है। रोजगार अवसर बढ़ने से लोग अपने ही गांव और क्षेत्र में काम पा रहे हैं। शहरों की ओर पलायन में कमी आई है। महिलाओं की बढ़ती रोजगार भागीदारी ने ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति मजबूत की है।
विकसित उत्तर प्रदेश 2047 की दिशा में मजबूत कदम
उत्तर प्रदेश 2047 तक विकसित राज्य बनने के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। रोजगार आधारित विकास मॉडल से आने वाले वर्षों में और भी बड़े परिवर्तन देखने को मिलेंगे। योगी आदित्यनाथ का मजबूत नेतृत्व और नीति आधारित शासन यह साबित करता है कि संगठित योजना और इच्छाशक्ति से सामाजिक और आर्थिक प्रगति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
- बेरोजगारी में ऐतिहासिक कमी: बेरोजगारी दर 19% से घटकर 2.4%
- एमएसएमई सेक्टर मजबूत आधार: 96 लाख इकाइयाँ, 2 करोड़+ रोजगार, एक वर्ष में 18 लाख नए रोजगार
- कौशल मिशन का प्रभाव: 14 लाख युवाओं को प्रशिक्षण, 5.66 लाख को प्रत्यक्ष रोजगार
- महिला रोजगार में वृद्धि: औद्योगिक क्षेत्र में 25% महिला भागीदारी


