सीएम योगी की सख्त मॉनीटरिंग से यूपी में राजस्व विवादों के निस्तारण की रफ्तार बढ़ी है। अक्टूबर में 3.24 लाख से अधिक मामलों का निपटारा हुआ। लखनऊ शीर्ष पर रहा, जबकि जनपदीय स्तर पर जौनपुर ने सबसे अधिक 480 मामलों का निस्तारण किया।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राजस्व मामलों के त्वरित निपटारे की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त मॉनीटरिंग का असर अब स्पष्ट दिख रहा है। सीएम योगी हर माह जिलावार समीक्षा बैठक कर प्रगति की निगरानी कर रहे हैं। योगी सरकार की पहल पर प्रदेश में राजस्व विवादों के निस्तारण की रणनीति को तेज किया गया है, जिससे राजस्व न्यायालयों में मामलों के निपटारे की रफ्तार में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

RCCMS रिपोर्ट: राजधानी लखनऊ में सबसे अधिक 15,260 मामले निस्तारित

राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (RCCMS) की अक्टूबर रिपोर्ट के अनुसार, पूरे प्रदेश में 3,24,897 राजस्व मामलों का निस्तारण किया गया। राजधानी लखनऊ ने इस सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया है, जहां 15,260 मामलों का निस्तारण किया गया। लखनऊ के बाद प्रयागराज ने 10,501 मामलों के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि गोरखपुर ने 8,165 मामलों के निस्तारण के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। कानपुर नगर 7,866 मामलों के साथ चौथे और शाहजहांपुर 7,707 मामलों के निस्तारण के साथ पांचवें स्थान पर रहा। लखनऊ की जिलाधिकारी विशाखा जी. अय्यर ने बताया कि मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के तहत राजस्व विवादों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जा रहा है, जिससे जनता को त्वरित न्याय मिल सके।

जौनपुर ने फिर मारी बाजी, जनपदीय न्यायालयों में सबसे आगे

जनपद स्तरीय न्यायालयों में इस बार भी जौनपुर ने बाजी मारी है। जौनपुर के जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप यहां राजस्व मामलों का निस्तारण तेजी से किया जा रहा है। RCCMS की रिपोर्ट के अनुसार, जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के मानक निस्तारण (250) से कहीं अधिक 480 मामलों का निस्तारण किया, जो कि 192 प्रतिशत उपलब्धि है। इसके साथ ही जौनपुर जनपदीय न्यायालयों में प्रदेश में पहले स्थान पर रहा।

लखीमपुर खीरी और बस्ती क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर

मानक 300 के सापेक्ष लखीमपुर खीरी ने 334 मामलों का निस्तारण कर दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि बस्ती ने 310 मामलों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। जौनपुर के जिलाधिकारी न्यायालय ने 30 मामलों के मानक के मुकाबले 71 मामले निस्तारित किए, जो 236.67 प्रतिशत की उपलब्धि है, यह प्रदेश में सर्वोच्च है। वहीं भदोही (63 मामले) और मऊ (51 मामले) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।

भू-राजस्व मामलों में भी जौनपुर शीर्ष पर

अपर जिलाधिकारी (भू-राजस्व) जौनपुर ने निर्धारित मानक 50 के मुकाबले 184 वादों का निस्तारण कर पूरे प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। गाजीपुर के अपर जिलाधिकारी (भू-राजस्व) ने 36 वादों का निस्तारण कर दूसरा और मीरजापुर के अपर जिलाधिकारी (भू-राजस्व) ने 24 वादों का निस्तारण कर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि दर्शाती है कि सीएम योगी की सख्त मॉनीटरिंग और डिजिटल सिस्टम के प्रयोग से प्रशासनिक कार्यक्षमता में व्यापक सुधार हुआ है।