कोडीन कफ सिरप सिंडिकेट का बड़ा पर्दाफाश हुआ है। मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल के पिता को कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने तस्करी नेटवर्क में उनकी अहम भूमिका का दावा किया है। पूरे गिरोह की जांच तेज कर दी गई है।

भारत में कफ सिरप की आड़ में चल रहे करोड़ों के अवैध व्यापार ने न सिर्फ कई राज्यों में दहशत फैलाई है, बल्कि कानून-व्यवस्था को भी चुनौती दी है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौतों के बाद जब कोडीन कफ सिरप सिंडिकेट के तार सोनभद्र तक जुड़े, तब एक बड़े नेटवर्क के खुलासे की शुरुआत हुई। इसी कड़ी में अब सोनभद्र पुलिस ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। सिंडिकेट के मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद को पुलिस ने थाईलैंड भागने से ठीक पहले कोलकाता एयरपोर्ट से धर दबोचा।

थाईलैंड भागने की कोशिश विफल, पुलिस की तेज कार्रवाई

सूत्रों के मुताबिक, सोनभद्र पुलिस को गोपनीय सूचना मिली थी कि भोला प्रसाद भारत छोड़कर विदेश भागने की फिराक में है। लोकेशन ट्रेस होते ही पुलिस की एक टीम कोलकाता पहुंची और एयरपोर्ट पर उस समय भोला प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया, जब वह कुछ ही देर में थाईलैंड के लिए उड़ान भरने वाला था। पुलिस ने बताया कि आरोपी को यूपी लाकर गहन पूछताछ की जाएगी।

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कोडीन कफ सिरप सिंडिकेट में पिता की भूमिका पर बढ़े सवाल

शुभम जायसवाल अभी भी फरार है, लेकिन जांच में यह सामने आया है कि कोडीन कफ सिरप की तस्करी में उपयोग की जा रही झारखंड में रजिस्टर्ड कंपनी 'शैली ट्रेडर्स' भोला प्रसाद के नाम पर है। इसी कंपनी के जरिए लाखों शीशियों के अवैध परिवहन और सप्लाई का नेटवर्क चलाया जा रहा था। यह गिरफ्तारी इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि पिता की संलिप्तता से पूरे सिंडिकेट के पैटर्न पर नई रोशनी पड़ी है।

25 करोड़ के फर्जी लेनदेन का खुलासा

सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में 7 लाख 53 हजार शीशी कफ सिरप तस्करी के मामले में भोला प्रसाद समेत तीन लोगों पर पहले ही एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। जांच आगे बढ़ने पर भदोही, चंदौली, वाराणसी और सोनभद्र में कुल मिलाकर लगभग 25 करोड़ रुपये के फर्जी लेनदेन का खुलासा हुआ है। इस केस में पुलिस अब तक अमित टाटा को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल की तलाश तेज कर दी गई है।

पुलिस को उम्मीद, खुलेंगे नेटवर्क के और तार

भोला प्रसाद की गिरफ्तारी को सिंडिकेट पर बड़ी चोट माना जा रहा है। पुलिस का मानना है कि पूछताछ के दौरान कई और नाम, सप्लाई चैन और फाइनेंसर सामने आ सकते हैं, जिससे इस अवैध कफ सिरप कारोबार को जड़ से खत्म करने में मदद मिलेगी।

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