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गाड़ी में भरकर ले जा रहे थे 245 तोते और 12 मोर, STF की छापेमारी में उड़ गई तस्करों की नींद!
गाजीपुर में वन विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 245 तोते और 12 मोर बरामद। चार तस्कर गिरफ्तार, बोलेरो और मोबाइल जब्त। दिल्ली तक फैले नेटवर्क का खुलासा, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज।

बोलेरो में भरकर ले जा रहे थे 245 तोते और 12 मोर, STF की दबिश में चार गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम ने वन्यजीव तस्करी के एक अंतरराज्यीय नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। टीम ने बोलेरो वाहन से 245 तोते और 12 मोर बरामद किए हैं। मौके से चार तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी पश्चिम बंगाल से लेकर दिल्ली तक का नेटवर्क चला रहे थे और संरक्षित पक्षियों की अवैध खरीद-फरोख्त में शामिल थे।
सुबह 9:55 पर हुई गाजीपुर की सबसे बड़ी छापेमारी
शुक्रवार सुबह 9:55 बजे, गाजीपुर पुलिस और वन विभाग की टीम ने ताड़कला थाना क्षेत्र में वाहन UP70FR0489 को रोका। जांच में पिंजरों में बंद सैकड़ों तोते और कपड़ों में छिपाए गए मोर बरामद हुए। पुलिस ने मौके से चार आरोपियों को दबोच लिया —
- ओमशंकर उर्फ वेंकटेश, ओकड रोड, यूपी
- आयूब, हरदोई, पश्चिम बंगाल सीमा क्षेत्र
- सुरेश फनोकड, फतेहपुर, बिहार
- विवेक दुबे, प्रयागराज
'बोलने वाले तोते' से तस्करों की कमाई की कहानी
पूछताछ में मुख्य आरोपी ओमशंकर ने चौंकाने वाला खुलासा किया — वह एक तोता 150 रुपये में खरीदता और दिल्ली में 3000 रुपये तक बेच देता था। इसी तरह, मोरों की कीमत 500 से 700 रुपये में खरीदकर कई गुना दाम पर बेचे जाते थे। यह पूरा नेटवर्क गाजीपुर, कानपुर, प्रयागराज और दिल्ली तक फैला था, जहां इन पक्षियों को “पालतू पक्षी” के नाम पर तस्करी से बेचा जा रहा था।
“ट्रेन और बोलेरो से होती थी तस्करी”
तस्करों ने बताया कि वे पश्चिम बंगाल और झारखंड के सीमावर्ती इलाकों से ट्रेन, बस और निजी वाहनों के जरिए पक्षियों को लाते थे। मोरों को दुपट्टों में लपेटकर बक्सों में छिपाया जाता था ताकि कोई पहचान न सके। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, ये पक्षी भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित प्रजाति में शामिल हैं।
वन विभाग ने दर्ज किया केस, तस्करों पर गिरेगी गाज
गाजीपुर रेंज अधिकारी ने बताया कि सभी आरोपियों पर भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धाराएं – 2, 9, 11, 39, 48B, 49B, 50 और 51 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वन विभाग अब इन तस्करों के संपर्कों की भी जांच कर रहा है। जल्द ही इनके खिलाफ अंतरराज्यीय अपराध गिरोह के रूप में कार्रवाई की जाएगी।
गाजीपुर में 'ग्रीन मिशन' का अलर्ट: और भी तस्कर निशाने पर
जांच टीम के अनुसार, गाजीपुर और आसपास के जिलों में पिछले कुछ महीनों में वन्यजीव तस्करी की गतिविधियां बढ़ी हैं। एसटीएफ और वन विभाग ने अब “ग्रीन मिशन” नामक विशेष अभियान शुरू किया है, जिसके तहत पक्षियों और जंगली जानवरों की अवैध खरीद-बिक्री पर निगरानी रखी जाएगी।