सार

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की 'घोसी विधानसभा सीट' को लेकर देश के सभी राजनीतिक दलों की नजरें टकटकी बांधे दिखाई दीं। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले यूपी में INDIA v/s NDA का यह पहला मुकाबला था। यहां 5 सितंबर को उपचुनाव के लिए वोट डाले गए। 

मऊ. उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की 'घोसी विधानसभा सीट' को लेकर देश के सभी राजनीतिक दलों की नजरें टकटकी बांधे दिखाई दीं। इस चुनाव में सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह ने बीजेपी के दारा सिंह को 42672 वोटों से हराया है। जबकि 2022 विधानसभा चुनाव में सपा से चुनाव लड़े दारा सिंह ने 22000 वोटों से जीत दर्ज की थी।

इस सीट पर सपा का दबदबा बढ़ना भाजपा के लिए चिंता का विषय है। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले यूपी में INDIA v/s NDA का यह पहला मुकाबला था। यहां 5 सितंबर को उपचुनाव के लिए वोट डाले गए। घोसी विधानसभा के उपचुनाव का परिणाम एनडीए व विपक्षी दलों के I.N.D.I.A गठबंधन का भविष्य तय करेगा।

यहां से भाजपा ने दारा सिंह चौहान, तो सपा ने सुधाकर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा था। यहां से भाजपा उम्मीदवार उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। सपा की जीत ने सबको चौंका दिया है। दारा सिंह 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा छोड़कर सपा में चले गए थे। वे सपा के टिकट पर चुनाव जीते भी, मगर 15 महीने बाद जैसे ही यूपी में योगी की फिर सरकार बनी, वे लौट आए। 

घोसी उपचुनाव रिजल्ट, कितने प्रतिशत वोटिंग हुई थी?

घोसी उप चुनाव में 10 प्रत्याशी मैदान में थे। हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा के दारा सिंह और सपा के सुधाकर सिंह के बीच ही रहा। 5 सितंबर को हुई वोटिंग में 50.30% मतदान हुआ था। यह पिछले चुनाव की तुलना में 8% कम रहा। काउंटिंग के लिए 14 टेबल बनाए गए थे। 19 टीमों को 32 राउंड काउंटिंग की व्यवस्था में लगाया गया था।

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घोसी उपचुनाव के नतीजे देश की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण हैं, ये अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले यूपी के 'पूर्वांचल' में लोगों के रुझान का संकेत माने जा सकते हैं।

दरअसल, यूपी से लोकसभा को 80 सांसद जाते हैं, इसलिए इसे घोसी सीट पक्ष और विपक्ष दोनों पार्टियों के लिए नाक का सवाल बनी रही। घोसी में यादव और मुस्लिम समुदायों के अलावा राजपूतों का वर्चस्व है। यहां 5 सितंबर का हुए उपचुनाव में 50% वोटिंग हुई थी।

Ghosi By Election 2023: बसपा ने नहीं लड़ा था चुनाव

घोसी उपचुनाव में बसपा ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था, इसलिए मुकाबला सीधे भाजपा और सपा प्रत्याशी के बीच रहा। भाजपा को जातीय राजनीति में खास दखल रखने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, निषाद पार्टी और अपना दल (औनप्रिया) का समर्थन प्राप्त था।

उधर, सपा को कांग्रेस, वाम दलों और एसबीएसपी से अलग हुए गुट सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी ने सपोर्ट किया था।

घोसी विधानसभा सीट पर 6 साल में चौथी बार 5 सितंबर को उप चुनाव हुआ था। इससे पहले 2019 में चुनाव हुआ था। जहां तक भाजपा की बात है, 2017 से 2022 के बीच तीन चुनाव में भाजपा दो बार जीती है। इस बार सीधा मुकाबला भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच रहा।

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