सार

लखनऊ के हजरतगंज में बहुमंजिला इमारत गिरने के मामले में कई अहम वजह सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि बिल्डिंग में लंबे समय से ड्रिलिंग का काम चल रहा था। इसी के साथ इमारत को पहले ही कमजोर ढांचे पर खड़ा किया गया था।

लखनऊ: अलाया अपार्टमेंट को पूर्व की सपा सरकार में मंत्री रहे शाहिद मंजूर के बेटे और भतीजे की जमीन पर खड़ा किया गया था। इस अपार्टमेंट को बनाने का काम याजदान बिल्डर को दिया गया था। हजरतगंज इलाके में बटलर पैलेस और पराग डेयरी के बीच में स्थित इस जमीन को पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर ने बेटे नवाजिश और भतीजे तारिक के नाम पर 2003 में खरीदा था।

बेटे और भतीजे के नाम से की गई थी सभी रजिस्ट्री

याजदान बिल्डर ने जमीन पर पांच मंजिला भवन बनाया और पेंट हाउस का निर्माण करवाया था। इस पेंट हाउस को पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर के परिवार को दिया गया था। इसे बाद में सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्बास हैदर को बेंच दिया गया था। अब अपार्टमेंट में शाहिद मंजूर के हिस्से में दो फ्लैट ही बचे थे। इसमें एक को शाहिद ने बेटी और दामाद को दे दिया था। जबकि फ्लैट नंबर 401 उनके पास ही था। शाहिद के बेटे नवाजिश ने भूतल पार्किंग में एक कार्यालय भी बना रखा था। बेचे गए तमाम फ्लैट की रजिस्ट्री पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश और भतीजे तारिक के नाम से की गई थी। इससे ही उनकी पार्टनर्शिप सामने आ रही है।

कमजोर ढांचा बताया जा रहा हादसे की वजह

वजीर हसन रोड पर बनी इस इमारत के निर्माण में मजबूती का ख्याल नहीं रखा गया था। कमजोर ढांचे पर खड़ी बिल्डिंग के निर्माण में नियमों को ताक पर रख दिया गया था। खुद फ्लैट मालिकों ने भी इसको लेकर कई बार सवाल उठाए थे, हालांकि बिल्डर ने किसी की भी नहीं सुनी। फ्लैट खरीदने के बाद वह फंसा हुआ महसूस कर रहे थे। वहीं पेंट हाउस का निर्माण डिजाइन में ही नहीं था। इसे जबरन बनाया गया था।

लंबे समय से चल रहा था ड्रिलिंग का काम

अपार्टमेंट में रहने वाले और आसपास के लोगों ने बताया कि अपार्टमेंट की पार्किंग में लंबे समय से ड्रिलिंग का काम चल रहा था। इस बीच किसी भी सुरक्षा उपकरण का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था। लोगों के अनुसार बिल्डिंग के मालिक रोज शाम को वहीं पर मौजूद रहते थे। हालांकि मंगलवार को वह दोपहर तकरीबन ढाई बजे कहीं चले गए थे।

तीन सदस्यीय जांच कमेटी का हुआ गठन

बहुमंजिला इमारत गिरने के मामले में सीएम योगी ने जांच कमेटी का भी गठन किया है। मंडलायुक्त की अगुवाई में तीन सदस्यीय जांच कमेठी गठित हुई है। मंडलायुक्त रोशन जैकब की अगुवाई वाली इस समिति में संयुक्त पुलिस आयुक्त पीयूष मोर्डिया और लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता भी शामिल हैं। समिति जिम्मेदार लोगों को चिन्हित कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देगी। आपको बता दें कि बीते 15 घंटे से जारी बचाव अभियान में अभी तक 14 लोगों को निकाला जा चुका है।

लखीमपुर खीरी हिंसा मामला: सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ आशीष मिश्रा को दी अंतरिम जमानत, इन बातों का रखना होगा ध्यान

लखनऊ: ताश के पत्तों की तरह ढह गया अपार्टमेंट, कम पड़ गए प्रशासन के संसाधन, देखें PHOTOS