सार
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया। कोर्ट ने 8 हफ्ते की अंतरिम जमानत देने के साथ ही कहा कि उन्हें 1 हफ्ते भीतर यूपी छोड़ना होगा। वह यूपी या दिल्ली में नहीं रह सकेंगे।
लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार 25 जनवरी को साल 2021 में हुई लखीमपुर हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र की जमानत याचिका पर आदेश दिया। कोर्ट ने आशीष मिश्रा को 8 हफ्ते की अंतरिम जमानत दी है। जमानत मिलने के बाद आशीष को एक हफ्ते के भीतर यूपी छोड़ना होगा। वह यूपी या दिल्ली में नहीं रह सकेंगे। आपको बता दें कि इस मामले में जस्टिस सूर्यकांत और जेके महेश्वरी के द्वारा आदेश को लेकर 25 जनवरी का दिन सूचीबद्ध किया गया था। खंडपीठ ने 19 जनवरी को ही मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। ज्ञात हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के द्वारा बीते साल 26 जुलाई को आशीष मिश्र की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था।
किसानों को एसयूवी से रौंदने का आरोप
इसके बाद ही मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। आपको बता दें कि 3 अक्टूबर 2021 को यूपी के लखीमपुर जिले के तिकुनिया में हिंसा का मामला सामने आया था। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे से पहले यहां किसानों के प्रदर्शन के बीच हिंसा हुई थी। आरोप है कि इस घटना में एसयूवी के द्वारा चार किसानों को रौंद डाला गया था और उसमें आशीष मिश्रा बैठे हुए थे। कार से कुचलने के चलते चारों किसानों की मौत हो गई थी।
आक्रोशित किसानों ने जमकर किया था प्रदर्शन
इस घटना के बाद आक्रोशित किसानों ने एसयूवी के ड्राइवर और दो बीजेपी कार्यकर्ताओं को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था। इस बीच कार्यक्रम को कवर करने गए पत्रकार की भी मौत हो गई थी। इस मामले को लेकर किसानों की ओर से बाद में भी प्रदर्शन किया गया था। इसी घटना को लेकर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्र जेल में हैं। उनकी जमानत को लेकर ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। आशीष मिश्रा काफी समय से जेल में बंद थे जिसके बाद बुधवार को कोर्ट की ओर से आदेश जारी किया गया।
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