कानपुर में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया। बिठूर में घरों में पानी घुसा, आगरा में ताजमहल क्षेत्र प्रभावित। यमुना खतरे के निशान के करीब, कई राज्यों में बाढ़ जैसे हालात, राहत कार्य तेज।
लगातार बारिश के बाद उत्तर प्रदेश के कानपुर में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। बुधवार को हालात ऐसे बने कि बिठूर विधानसभा क्षेत्र के कई आवासीय इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया। लोगों की दिनचर्या पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गई है और बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।
कानपुर के हालात से इतर, यमुना नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। बुधवार सुबह पुराने यमुना पुल पर पानी का स्तर 90 मीटर गेज के ठीक नीचे रिकॉर्ड किया गया, जो लाल निशान के बेहद करीब है। यही कारण है कि प्रशासन और स्थानीय लोग सतर्क हैं।
आगरा ताजमहल क्षेत्र भी प्रभावित, देशभर में बाढ़ जैसे हालात
आगरा में भी मंगलवार को भारी बारिश के चलते यमुना का जलस्तर बढ़ गया। ताजमहल के आसपास के इलाके में पानी का दबाव बढ़ने से खतरे की स्थिति बन गई है। सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर सहित कई राज्यों में लगातार बारिश और जलभराव ने हालात बिगाड़ दिए हैं। नदियों का जलस्तर बढ़ने से स्थानीय लोगों और प्रशासन की चिंता बढ़ गई है।
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हिमाचल के लिए राहत पैकेज, पीड़ित परिवारों को मुआवजा
इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद 1,500 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अनुसार, राज्य को SDRF की दूसरी किस्त और पीएम किसान सम्मान निधि की अग्रिम किस्त जारी की जाएगी।
पीएम मोदी ने आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों को 2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है।
राहत और पुनर्वास के लिए बड़े कदम
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत क्षतिग्रस्त मकानों का जियो-टैगिंग कर पुनर्निर्माण
- क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत
- स्कूलों का पुनर्निर्माण और समय पर मदद सुनिश्चित करने के लिए जियो-टैगिंग
- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से वित्तीय मदद
- किसानों और पशुपालकों के लिए विशेष सहायता
- वर्षा जल संरक्षण हेतु संरचनाओं का निर्माण
लगातार हो रही बारिश और नदियों का उफान लोगों के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है, लेकिन मौसम की स्थिति फिलहाल चिंता बढ़ा रही है।\
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