Lucknow Metro Phase 1B: प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ₹5,801 करोड़ की लागत से लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के चरण-1बी को मंज़ूरी दे दी है। इस चरण की लंबाई 11.165 किलोमीटर होगी और इसमें 12 स्टेशन होंगे-7 भूमिगत और 5 एलिवेटेड। 

Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय कैबिनेट द्वारा लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के फेज-1बी को ₹5,801 करोड़ की स्वीकृति का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह फैसला राजधानी की यातायात व्यवस्था को सुगम बनाएगा साथ ही रोजगार, पर्यटन तथा निवेश के नए अवसर पैदा करेगा। सीएम योगी ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह परियोजना विभिन्न आर्थिक, सामाजिक और व्यावसायिक सुविधाओं को जोड़ते हुए लखनऊ को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। लखनऊ मेट्रो की फेज-1बी की लंबाई 11.165 किलोमीटर होगी, जिसमें 7 भूमिगत और 5 एलिवेटेड स्टेशन समेत कुल कुल 12 स्टेशन शामिल हैं। यह मेट्रो पुराने और घनी आबादी वाले इलाकों को कवर करेगी, जहां कुशल कनेक्टिविटी की कमी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विजन से उत्तर प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है। यह परियोजना न केवल कनेक्टिविटी बढ़ाएगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को गति देगी और पर्यटन को नया आयाम प्रदान करेगी।

पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के चरण-1बी को मंज़ूरी दे दी है। इस चरण-1बी के चालू होने पर लखनऊ शहर में 34 किलोमीटर का सक्रिय मेट्रो रेल नेटवर्क होगा। यह परियोजना लखनऊ के अमीनाबाद, यहियागंज, पांडेगंज और चौक जैसे वाणिज्यिक केंद्रों को जोड़ेगी। साथ ही, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी जैसी स्वास्थ्य सुविधाओं और बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, भूल भुलैया, क्लॉक टॉवर, रूमी दरवाजा जैसे पर्यटक आकर्षणों को जोड़कर पर्यटन को बढ़ावा देगी जहां पाककला स्थलों की समृद्ध संस्कृति है।

भीड़भाड़ वाले मार्गों पर यातायात को सुगम बनाएगी यह परियोजना

लखनऊ मेट्रो की यह परियोजना खासकर पुराने लखनऊ के भीड़भाड़ वाले मार्गों पर यातायात की भीड़ को कम करेगी, इससे वाहनों की सुगम आवाजाही होगी। परियोजना के परवान चढ़ने के बाद इससे यात्रा समय घटेगा और सड़क सुरक्षा में वृद्धि आएगी। पर्यावरण की दृष्टि से भी यह परियोजना महत्वपूर्ण है, इससे मेट्रो जीवाश्म ईंधन आधारित परिवहन की तुलना में कार्बन उत्सर्जन कम करेगी, जो सतत विकास की दिशा में कदम है। इसके अलावा बेहतर कनेक्टिविटी से उत्पादकता बढ़ेगी, हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन और बस डिपो तक पहुंच आसान होगी। इससे स्थानीय व्यवसायों को प्रोत्साहन मिलेगा, नए निवेश आएंगे और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

ये भी पढ़ें- UP Politics Twist: वाराणसी में कुंवारे संत के 50 बेटों का क्या है चुनावी कनेक्शन?

पुराने और नए शहर को साथ लाएगी लखनऊ मेट्रो की यह परियोजना

लखनऊ मेट्रो की फेस-1बी विविध सामाजिक-आर्थिक समूहों के लिए न्यायसंगत पहुंच सुनिश्चित करेगी, परिवहन असमानताओं को कम करेगी और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाएगी। यह लखनऊ मेट्रो के विस्तार की यह परियोजना लखनऊ के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण प्रगति है, जो शहर को आधुनिक बनाने में सहायक होगी। साथ ही इस लखनऊ मेट्रो के विस्तार से पुराने और नए शहर को एकीकृत करेगी, जहां प्रमुख पर्यटक स्थलों और वाणिज्यिक केंद्रों की पहुंच आसान होगी। यह परियोजना शहर की चुनौतियों का समाधान करेगी और भविष्य के विस्तार के लिए आधार तैयार करेगी। यह उत्तर प्रदेश की राजधानी को विश्व स्तरीय शहर बनाने में मील का पत्थर साबित होगी।

ये भी पढ़ें- लखनऊ में EFLU का स्थायी कैंपस, योगी सरकार ने दी मात्र ₹1 में 2.32 हेक्टेयर भूमि